Edited By Tanuja,Updated: 23 Jan, 2025 01:31 PM
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अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के नए प्रशासन के तहत 18,000 भारतीय प्रवासियों को वापस भेजने की योजना बनाई जा रही है। यह कदम अमेरिकी प्रशासन द्वारा अवैध आप्रवासियों के खिलाफ ...
Washington: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के नए प्रशासन के तहत 18,000 भारतीय प्रवासियों को वापस भेजने की योजना बनाई जा रही है। यह कदम अमेरिकी प्रशासन द्वारा अवैध आप्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का हिस्सा है। जानकारी के अनुसार, इन अवैध भारतीयों प्रवासियों की पहचान कर ली गई है, और उन्हें भारत वापस भेजने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो सकती है। यह कदम अमेरिका में अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है, और इसमें भारत का सहयोग अपेक्षित है।
भारत सरकार इस सहयोग के लिए तैयार है और ट्रंप प्रशासन के साथ मिलकर अवैध प्रवासियों की पहचान और वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अवैध प्रवासियों के निर्वासन की प्रक्रिया शुरू करेगा और इसकी निगरानी करेगा। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका में कुल कितने अवैध भारतीय प्रवासी रह रहे हैं, लेकिन जानकारी के अनुसार, यह संख्या और भी अधिक हो सकती है। इस सहयोग के बदले में भारत को उम्मीद है कि ट्रंप प्रशासन भारतीय नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश के लिए कानूनी रास्ते खोलेगा। इसमें छात्र वीजा और एच-1बी वीजा कार्यक्रम की सुरक्षा भी शामिल है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि यह सहयोग दोनों देशों के बीच अवैध प्रवास को नियंत्रित करने की प्रक्रिया का हिस्सा है और भारत उम्मीद करता है कि इससे अमेरिका में भारतीय नागरिकों के लिए अधिक कानूनी रास्ते खुलेंगे।
भारत के लिए यह सहयोग एक और कारण से महत्वपूर्ण है। अमेरिका में खालिस्तान समर्थक अलगाववादी आंदोलन को बढ़ावा मिल रहा है, और भारत इसे अपनी सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखता है। भारतीय अधिकारियों का मानना है कि अमेरिका और कनाडा में कुछ अवैध प्रवासी खालिस्तान समर्थक समूहों से जुड़े हुए हैं। ऐसे में, इस कदम से भारत को अमेरिका में मौजूद इन अलगाववादी आंदोलनों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। भारत ने इस मुद्दे पर अमेरिका से मदद की अपेक्षा जताई है और उम्मीद है कि यह सहयोग भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को मजबूत करेगा। बता दें कि अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले भारतीय प्रवासियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, खासकर पश्चिमी भारत के राज्यों जैसे पंजाब और गुजरात से।
अमेरिकी सीमा सुरक्षा और सीमा शुल्क विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2024 के वित्तीय वर्ष में अमेरिका से अवैध रूप से सीमा पार करने वाले भारतीय नागरिकों का हिस्सा लगभग 3 प्रतिशत है, जबकि मेक्सिको और अन्य लैटिन अमेरिकी देशों का हिस्सा कहीं अधिक है। हालांकि, हाल के वर्षों में भारतीय प्रवासियों की संख्या में वृद्धि हुई है, और अनुमान है कि 2022 तक अमेरिका में लगभग 220,000 अवैध भारतीय प्रवासी रह रहे थे। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान में आप्रवासन को एक प्रमुख मुद्दा बनाया था। उनके प्रशासन के तहत अवैध आप्रवासियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए गए हैं। ट्रंप ने शपथ ग्रहण के कुछ ही घंटों बाद एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें अमेरिकी नागरिकता के लिए जन्म के आधार पर मिलने वाले अधिकारों को समाप्त करने की बात की गई थी और मैक्सिको से अमेरिका की सीमा पर दीवार निर्माण का आदेश दिया गया था। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सीमा पर सैनिकों को तैनात करने का भी निर्देश दिया था।