Edited By Utsav Singh,Updated: 21 Oct, 2024 03:55 PM
रूस के शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि उनका देश मानता है कि भारत, ब्राजील और अफ्रीकी देशों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी रूप से प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए, ताकि वैश्विक बहुमत का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके। आइए जानते है विस्तार से...
इंटरनेशनल डेस्क : रूस के शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि उनका देश मानता है कि भारत, ब्राजील और अफ्रीकी देशों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी रूप से प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए, ताकि वैश्विक बहुमत का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके।
रूस का बयान
आपको बता दें कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एक साक्षात्कार में कहा, "भारत, ब्राजील और अफ्रीका के प्रतिनिधियों को लंबे समय से सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में होना चाहिए। यह वैश्विक बहुमत के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।"
भारत की स्थिति
भारत ने सुरक्षा परिषद के सुधार के लिए वर्षों से प्रयास किए हैं, जिसमें स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों में विस्तार शामिल है। भारत का कहना है कि 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद, जो 1945 में स्थापित की गई थी, 21वीं सदी के लिए उपयुक्त नहीं है और यह समकालीन भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती। दिल्ली ने यह स्पष्ट किया है कि उसे 'हॉर्स-शू टेबल' पर स्थायी सीट की आवश्यकता है।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन
पिछले महीने, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ मिलकर भारत की सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की मांग का समर्थन किया। इस समर्थन ने भारत की इस मांग को और मजबूत किया है कि उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता दी जाए। इस संदर्भ में, तीनों नेताओं ने वैश्विक सुरक्षा के संदर्भ में भारत की भूमिका और महत्व को उजागर किया।
भारत का पिछला कार्यकाल
भारत ने 2021-22 में एक अस्थायी सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र की उच्च मंच पर बैठने का अनुभव किया था। वर्तमान में स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग में तेजी आई है, ताकि समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं का बेहतर प्रतिनिधित्व किया जा सके।
क्या है सुरक्षा परिषद (Security Council) ?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) संयुक्त राष्ट्र (UN) का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसका मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना है।
प्रमुख विशेषताएँ:
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संरचना:
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सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य होते हैं।
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इनमें से 5 स्थायी सदस्य हैं: अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, और फ्रांस।
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शेष 10 अस्थायी सदस्य होते हैं, जो 2 साल के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं।
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कार्य:
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सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा और निर्णय लेती है।
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यह युद्ध और संघर्ष के मामलों में मध्यस्थता कर सकती है।
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परिषद संकल्प पारित कर सकती है, जो सदस्य देशों के लिए बाध्यकारी होते हैं।
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शक्तियाँ:
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सुरक्षा परिषद के पास सैन्य कार्रवाई का आदेश देने की शक्ति होती है।
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यह संधियों को मंजूरी दे सकती है और विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध लगा सकती है।
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इसके पास अंतरराष्ट्रीय शांति अभियानों को लागू करने का अधिकार है।
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महत्व:
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सुधार की मांग:
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कई देशों, विशेष रूप से भारत, ब्राजील, और अफ्रीकी देशों ने सुरक्षा परिषद के सुधार की मांग की है, ताकि यह समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं का बेहतर प्रतिनिधित्व कर सके।
सुरक्षा परिषद का काम अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका सीधा संबंध वैश्विक शांति और सुरक्षा से है। इसलिए भारत चाहता है कि वह इसका स्थाई सदस्य बन जाए।