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भारत का मोबाइल फोन निर्यात ₹2 लाख करोड़ के हुआ पार

Edited By Parminder Kaur,Updated: 12 Apr, 2025 02:21 PM

india smartphone exports hit record rs 2 lakh crore

भारत के मोबाइल फोन निर्यात ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है, जो वित्तीय वर्ष 2024-25 में ₹2,00,000 करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है। यह आंकड़ा भारत से मोबाइल फोन निर्यात में पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के ₹1,29,000 करोड़ की तुलना में 55% की बढ़ोतरी को...

नेशनल डेस्क. भारत के मोबाइल फोन निर्यात ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है, जो वित्तीय वर्ष 2024-25 में ₹2,00,000 करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है। यह आंकड़ा भारत से मोबाइल फोन निर्यात में पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के ₹1,29,000 करोड़ की तुलना में 55% की बढ़ोतरी को दर्शाता है।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ स्मार्टफोन अब भारत का सबसे बड़ा निर्यात उत्पाद बन गया है, जिसने पारंपरिक निर्यात उत्पादों जैसे पेट्रोलियम उत्पादों और हीरे को पीछे छोड़ दिया है। भारत के मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की संस्था इंडिया सैलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने इसे सरकार की "मेक इन इंडिया" पहल की बड़ी सफलता के रूप में सराहा है।

मोबाइल फोन निर्यात में अभूतपूर्व वृद्धि

मोबाइल फोन निर्यात में इस जबरदस्त वृद्धि के पीछे प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस योजना ने न केवल विदेशी निवेश को आकर्षित किया, बल्कि भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया है। वैश्विक कंपनियां एप्पल और सैमसंग भारत में अपनी उत्पादन गतिविधियों को लगातार बढ़ा रही हैं। इसके परिणामस्वरूप भारत में मोबाइल फोन का कुल उत्पादन वित्तीय वर्ष 2025 में ₹5,25,000 करोड़ तक पहुँच गया, जो पिछले वर्ष ₹4,22,000 करोड़ था।

2 लाख करोड़ का आंकड़ा

ICEA के अध्यक्ष पंकज मोहनद्रू ने इस उपलब्धि को एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में बताया। उन्होंने कहा- "₹2 लाख करोड़ का आंकड़ा पार करना हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की ताकत, परिपक्वता और वैश्विक स्तर पर एकीकरण को दर्शाता है। PLI योजना इस बदलाव में केंद्रीय भूमिका निभा रही है।"

हालांकि इस सफलता के बावजूद ICEA ने लागत प्रतिस्पर्धिता, इन्फ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स और टैरिफ्स से संबंधित समस्याओं का भी उल्लेख किया है। इन "दिक्कतों" को हल करना भारत के निर्यात क्षेत्र में सतत वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक प्रमुख ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

भविष्य के लक्ष्य और योजनाएं

पंकज मोहनद्रू ने आगे कहा, "हमारा प्राथमिक उद्देश्य उत्पादन को और बढ़ाना, निर्यात-आधारित विकास को बढ़ावा देना और एक मजबूत कंपोनेंट इकोसिस्टम तैयार करना है, ताकि हम वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में दीर्घकालिक नेतृत्व बना सकें।"

ICEA ने वैश्विक व्यापार नीति में हो रहे बदलावों का भी हवाला दिया, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित प्रतिवर्ती शुल्क, जो भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए यूएस बाजार में नए रणनीतिक अवसर खोल सकते हैं।

मोहनद्रू ने कहा- "वैश्विक व्यापार नीति में बदलाव नए अवसर प्रदान करते हैं, लेकिन भारत की महत्वाकांक्षाएं वैश्विक हैं। हमारा उद्देश्य सभी प्रमुख वैश्विक बाजारों में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण और आपूर्ति के लिए पसंदीदा भागीदार बनना है।" 

2030 तक $500 बिलियन का लक्ष्य

ICEA ने भारत के 2030 तक $500 बिलियन के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण और निर्यात के लक्ष्य को दोहराया। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ICEA ने भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन और नवाचार में वैश्विक नेता बनाने का संकल्प लिया है।

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