Edited By Tanuja,Updated: 18 Nov, 2024 05:30 PM
रविवार को भारतीय वैज्ञानिकों ने एक बड़ा कीर्तिमान रचते हुए देश की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह उपलब्धि केवल कुछ ही देशों के पास ...
International Desk: रविवार को भारतीय वैज्ञानिकों ने एक बड़ा कीर्तिमान रचते हुए देश की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह उपलब्धि केवल कुछ ही देशों के पास है, जैसे रूस और चीन। अब भारत ने इस सूची में शामिल होकर अपनी सैन्य ताकत और तकनीकी आत्मनिर्भरता का लोहा मनवाया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस परीक्षण का वीडियो साझा करते हुए इसे भारत के लिए गर्व का क्षण बताया।
मिसाइल की ताकत और क्षमताएं
- यह मिसाइल 500 किलोमीटर तक सटीक प्रहार करने में सक्षम है। इतनी लंबी दूरी इसे एक रणनीतिक हथियार बनाती है।
- हाइपरसोनिक मिसाइल की गति करीब 7400 किमी/घंटा (मच 6) है। यह गति इसे वायु रक्षा प्रणालियों के लिए लगभग अजेय बनाती है।
- इस मिसाइल की तकनीक और रफ्तार ऐसी है कि मौजूदा समय की कोई भी एयर डिफेंस सिस्टम इसे रोक नहीं सकता।
- यह मिसाइल न केवल पारंपरिक हथियारों से लैस हो सकती है, बल्कि इसमें परमाणु हथियार भी ले जाने की क्षमता है।
वैश्विक प्रभाव
भारत की इस कामयाबी ने पड़ोसी देशों में खलबली मचा दी है। चीन, जो खुद हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक पर गर्व करता है, अब भारत की इस प्रगति से चिंतित है। पाकिस्तान के पास चीन की दी हुई हाइपरसोनिक मिसाइलें हो सकती हैं, लेकिन भारत की यह स्वदेशी उपलब्धि उसके लिए एक बड़ा झटका है। अमेरिका भी वर्षों से इस तकनीक को विकसित करने में लगा हुआ है, लेकिन भारत की इस सफलता ने उसे भी चौंका दिया है। अमेरिकी विशेषज्ञ इसे भारत के डिफेंस और रिसर्च क्षेत्र की असाधारण सफलता मानते हैं।
हाइपरसोनिक मिसाइल का महत्व
हाइपरसोनिक मिसाइलों को 21वीं सदी के युद्धों का "ब्रह्मास्त्र" कहा जाता है। इसकी तेज़ रफ्तार और एयर डिफेंस को चकमा देने की क्षमता इसे एक घातक हथियार बनाती है। भारत की इस सफलता के बाद अब देश कई और अत्याधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइलों का उत्पादन कर सकता है। इसके लिए रिसर्च और डिवेलपमेंट में और तेजी लाई जाएगी।