Edited By Rohini Oberoi,Updated: 14 Apr, 2025 04:09 PM
भारत ने एक महत्वपूर्ण रक्षा परीक्षण सफलता हासिल की जब उसने एक नई लेजर-आधारित हथियार प्रणाली का सफल परीक्षण किया। यह प्रणाली खासतौर पर फिक्स्ड-विंग और स्वार्म ड्रोन जैसे हवाई लक्ष्यों को निष्क्रिय करने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसके साथ ही भारत इस...
नेशनल डेस्क। भारत ने एक महत्वपूर्ण रक्षा परीक्षण सफलता हासिल की जब उसने एक नई लेजर-आधारित हथियार प्रणाली का सफल परीक्षण किया। यह प्रणाली खासतौर पर फिक्स्ड-विंग और स्वार्म ड्रोन जैसे हवाई लक्ष्यों को निष्क्रिय करने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसके साथ ही भारत इस अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने वाले चार देशों में शामिल हो गया है जिनमें अमेरिका, चीन और रूस भी शामिल हैं।
इस प्रणाली का परीक्षण आंध्र प्रदेश के कुरनूल में स्थित नेशनल ओपन एयर रेंज (NOAR) में किया गया। भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के अनुसार यह लेजर-डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) प्रणाली विशेष रूप से उच्च शक्ति वाले लेजर से लैस है जो ड्रोन और छोटे प्रोजेक्टाइल को प्रभावी तरीके से निशाना बना सकता है और उन्हें नष्ट कर सकता है।
DRDO ने इस प्रणाली का विकास अपने हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर हाई एनर्जी सिस्टम्स एंड साइंसेज (CHESS) के तहत किया है। इस तकनीक को विकसित करने में कई शैक्षिक संस्थान और भारतीय उद्योगों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
वहीं भारत का यह कदम रक्षा क्षेत्र में एक और मील का पत्थर साबित हो सकता है खासकर ड्रोन हमलों और अन्य हवाई खतरों के मुकाबले में। इस तकनीक के सफल परीक्षण ने भारत को रक्षा क्षेत्र में और भी मजबूत किया है और आने वाले समय में इससे देश की सुरक्षा क्षमताओं को और अधिक बढ़ावा मिल सकता है।