Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 09 Feb, 2025 06:30 PM
![india takes a big step towards making economic history](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_18_29_408197467india-ll.jpg)
भारत अब आर्थिक दृष्टि से एक नया इतिहास रचने की ओर बढ़ रहा है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में ऐलान किया कि भारत 2024-25 वित्तीय वर्ष में 800 बिलियन अमरीकी डालर का निर्यात करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। यह आंकड़ा भारतीय...
नेशनल डेस्क: भारत अब आर्थिक दृष्टि से एक नया इतिहास रचने की ओर बढ़ रहा है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में ऐलान किया कि भारत 2024-25 वित्तीय वर्ष में 800 बिलियन अमरीकी डालर का निर्यात करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। यह आंकड़ा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है और अगर यह लक्ष्य पूरा होता है तो यह भारत के वैश्विक व्यापार में एक नई उपलब्धि साबित होगा। भारत का निर्यात पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ रहा है, और अब इस साल इसे 800 बिलियन डॉलर तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है। इससे भारतीय उद्योगों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा और व्यापारिक साझेदारियों में मजबूती आएगी। कृषि उत्पादों, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल्स, और रत्न व आभूषणों के निर्यात में वृद्धि इस सफलता की कुंजी हैं।
कृषि उत्पादन में संभावित वृद्धि
यह ऐलान ऐसे समय में किया गया है जब भारत में जून 2025 तक समाप्त होने वाले फसल वर्ष के लिए प्याज, टमाटर और आलू के उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद है। इस बढ़ते उत्पादन से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत को फायदा होगा। इसके साथ ही, भारतीय कृषि क्षेत्र की मजबूती भी इस विकास में अहम भूमिका निभाएगी।
भारत का निर्यात बढ़ाने में अहम योगदान
भारत का निर्यात बढ़ने से न सिर्फ अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसके साथ ही, भारतीय उत्पादों की मांग वैश्विक स्तर पर बढ़ेगी, जिससे भारतीय व्यापारियों और उद्योगपतियों को भी फायदेमंद सौदे मिल सकते हैं। इस बढ़ते निर्यात के साथ भारत एक मजबूत आर्थिक ताकत के रूप में उभरता दिखाई दे रहा है। अगर यह लक्ष्य हासिल होता है, तो यह मोदी सरकार के आर्थिक दृष्टिकोण और रणनीति का एक मास्टरस्ट्रोक साबित होगा।
भारत को मिला वैश्विक पहचान का रास्ता
पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि इस सफलता से भारत की वैश्विक पहचान और मजबूत होगी। भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता और विविधता के कारण देश का निर्यात लगातार बढ़ रहा है, और इससे भारतीय उत्पादों की वैश्विक बाजार में साख बढ़ेगी।