Edited By Tanuja,Updated: 15 Oct, 2024 05:52 PM
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने एक खालिस्तान समर्थक नेता की हत्या को लेकर पैदा राजनयिक विवाद के बाद भारत के खिलाफ प्रतिबंधों की संभावना के सवाल पर कहा कि...
International Desk: कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने एक खालिस्तान समर्थक नेता की हत्या को लेकर पैदा राजनयिक विवाद के बाद भारत के खिलाफ प्रतिबंधों की संभावना के सवाल पर कहा कि ‘‘सभी विकल्प विचाराधीन हैं।'' कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को भारत सरकार पर कनाडाई नागरिकों को निशाना बनाने वाली आपराधिक गतिविधियों का समर्थन करने का आरोप लगाया, जिसके बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने सोमवार को छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और ओटावा से अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया। हालांकि, कनाडा ने कहा कि भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया गया है।
ट्रूडो ने आरोप लगाया कि पिछले साल जून में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे। भारत ने संलिप्तता से इनकार किया और आरोपों को ‘बेतुका' और राजनीति से प्रेरित बताया। जोली ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) द्वारा जमा किए गए साक्ष्य भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करने के निर्णय का आधार थे। उन्होंने भारत सरकार से दोनों देशों के पारस्परिक लाभ के लिए जांच में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारत से राजनयिक और वाणिज्य दूतावास संबंधी छूट छोड़ने और जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया था, लेकिन उसने इनकार कर दिया। क्या भारत पर प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जा रहा है, इस सवाल पर कनाडाई विदेश मंत्री ने कहा कि राजनयिकों को निष्कासित करना वियना समझौते के तहत किसी देश द्वारा उठाए जा सकने वाले सबसे कठोर कदमों में से एक है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत पर दबाव डालना जारी रखेंगे कि वे सहयोग करें। हम अपने ‘फाइव आईज' साझेदार देशों के साथ बातचीत जारी रखेंगे। हम जी7 भागीदारों के साथ भी बातचीत जारी रखेंगे। हर विकल्प पर विचार हो रहा है।'' ‘फाइव आईज' देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा शामिल हैं। ट्रूडो के साथ संवाददाता सम्मेलन में जोली ने कहा, ‘‘हम भारत के साथ राजनयिक टकराव नहीं चाहते। हम जानते हैं कि हर साल हजारों कनाडाई भारत जाते हैं। भारत से बहुत से लोग कनाडा आते हैं। इसलिए हम जानते हैं कि लोगों के बीच गहरे संबंध हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ये अब भी संभव हैं।'' जोली ने कहा, ‘‘हम लगातार यह मांग कर रहे हैं कि भारत सरकार निज्जर मामले में चल रही जांच का समर्थन करे, क्योंकि इस मामले की तह तक पहुंचना हमारे दोनों देशों के हित में है।'' उन्होंने कहा कि कनाडा द्वारा एक साल पहले आरोप लगाए जाने के बाद हिंसा “वास्तव में बढ़ गई”।
जोली ने कहा, ‘‘कनाडाई लोगों को सुरक्षित रखना कनाडा सरकार का मूल कर्तव्य है। इन व्यक्तियों को निष्कासित करने का निर्णय बहुत सोच-समझकर और आरसीएमपी द्वारा पर्याप्त, स्पष्ट और ठोस सबूत जमा करने के बाद ही लिया गया था, जिसमें छह लोगों की पहचान की गई जो निज्जर मामले में जांच की ‘निगरानी' में हैं''। ट्रूडो ने संवाददाताओं से कहा, “भारत ने अपने राजनयिकों और संगठित अपराध का इस्तेमाल करके कनाडा के नागरिकों पर हमला करने, उन्हें अपनी ही धरती पर असुरक्षित महसूस कराने और इससे भी बढ़कर हिंसा तथा यहां तक कि हत्या की वारदातों को अंजाम देने का रास्ता चुनकर बहुत बड़ी गलती की है।'' भारत ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और कनाडाई राजनयिकों को 19 अक्टूबर को रात 11:59 बजे तक या उससे पहले देश छोड़ने के लिए कहा है।