Edited By Parveen Kumar,Updated: 28 Mar, 2025 06:50 PM

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत आज वैश्विक व्यवस्था में सिर्फ भागीदारी ही नहीं कर रहा है बल्कि भविष्य को आकार दे रहा है और उसे सुरक्षित करने में भी योगदान दे रहा है।
नेशनल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत आज वैश्विक व्यवस्था में सिर्फ भागीदारी ही नहीं कर रहा है बल्कि भविष्य को आकार दे रहा है और उसे सुरक्षित करने में भी योगदान दे रहा है। टीवी9 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना तो उसमें कुछ देशों की ही एकाधिकार रहा। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन भारत ने एकाधिकार नहीं, बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा।''
प्रधानमंत्री ने वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए दुनिया के देशों से एकजुट होने का आह्वान करते हुए ऊर्जा संसाधनों से जुड़े मुद्दे को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘‘इससे निपटने के लिए, हमने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना की, यह सुनिश्चित करते हुए कि छोटे राष्ट्र भी सतत ऊर्जा से लाभान्वित हो सकें।'' उन्होंने कहा कि इस पहल का जलवायु परिवर्तन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और इससे ‘ग्लोबल साउथ' के देशों की जरूरतों की रक्षा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 100 से अधिक देश पहले ही इस प्रयास से जुड़ चुके हैं।''
‘ग्लोबल साउथ' शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ को जी20 का स्थायी सदस्य बनाया गया और आज भारत वैश्विक निर्णय लेने वाले संस्थानों में ‘ग्लोबल साउथ' राष्ट्रों के लिए एक शक्तिशाली आवाज के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन और विभिन्न क्षेत्रों में किए गए प्रयास नई विश्व व्यवस्था में भारत के बढ़ते प्रभाव को उजागर करते हैं। ये तो बस शुरुआत है और वैश्विक मंच पर भारत की उपस्थिति पहले से अधिक मजबूत होती जा रही है।''
मोदी ने कहा कि आज विश्व की दृष्टि भारत पर है और दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज दुनिया की नजर भारत पर है। दुनिया जानना चाहती है कि भारत आज क्या सोचता है? (व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे)। भारत आज, वर्ल्ड आर्डर में सिर्फ भागीदारी ही नहीं कर रहा, बल्कि भविष्य को आकार दे रहा है और सुरक्षित करने में भी योगदान दे रहा है।'' उन्होंने कहा कि लोग जानना चाहते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था बना और महज 7-8 साल में 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गया।
उन्होंने कहा, ‘‘आईएमएफ के नए आंकड़े सामने आए हैं, ये आंकड़े कहते हैं कि भारत दुनिया की एक मात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जिसने 10 वर्षों में अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को दोगुना किया है। बीते दशक में भारत ने 2 लाख करोड़ डॉलर अपनी अर्थव्यवस्था में जोड़े हैं।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी भारत में है और ये युवा, तेज़ी से कौशल हासिल कर रहे हैं और नवोन्मेष को गति दे रहे है। उन्होंने कहा, ‘‘इन सबके बीच, भारत की विदेश नीति का मंत्र बन गया है-राष्ट्र प्रथम। एक जमाने में भारत की नीति थी...‘इक्वी डिस्टेंस' (सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो)। आज के भारत की नीति है...‘इक्वी क्लोजनेस (सबसे समान रूप से करीब होकर चलो) की नीति।''