Edited By Tanuja,Updated: 18 May, 2024 11:55 AM
भारत और ब्रिटेन ने यहां वार्षिक ‘भारत-ब्रिटेन रणनीतिक वार्ता' में मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। दोनों...
लंदन: भारत और ब्रिटेन ने यहां वार्षिक ‘भारत-ब्रिटेन रणनीतिक वार्ता' में मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। दोनों देशों ने पिछली समीक्षा के बाद से वर्ष 2030 से जुड़े प्रारूप की दिशा में हुई ‘‘अच्छी प्रगति'' पर विचार किया। ब्रिटेन की यात्रा पर गए विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने शुक्रवार को अपने समकक्ष विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) में स्थायी अवर सचिव सर फिलिप बार्टन के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद एफसीडीओ ने बताया कि दोनों नेताओं ने पिछले साल जनवरी में हुई रणनीतिक वार्ता के बाद से ‘ब्रिटेन-भारत 2030 प्रारूप' पर हुई प्रगति की समीक्षा की और वे द्विपक्षीय सहयोग के अगले चरण को लेकर उत्सुक हैं।
FCDO ने एक बयान में कहा, ‘‘दोनों ने पिछली समीक्षा के बाद से 2030 से जुड़े प्रारूप की दिशा में हुई अच्छी प्रगति पर विचार किया। उन्होंने उन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान दिया जहां ब्रिटेन और भारत ने दुनिया की कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम किया है।'' बयान के मुताबिक, इसमें दुनिया के पहले मलेरिया टीके पर सहयोग करना, भारत की सफल जी20 अध्यक्षता को लेकर मिलकर काम करना और ‘माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप' के तहत छात्रों और उद्यमियों के लिए अवसर बढ़ाना शामिल है। इसमें कहा गया कि वार्ता में पारस्परिक रूप से लाभप्रद मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर वार्ता और रक्षा सहयोग बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई। इसके पहले लंदन में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि क्वात्रा ने ब्रिटेन के रक्षा खरीद मंत्री जेम्स कार्टलिज के साथ भी एक ‘सार्थक बैठक' करके उनके साथ भारत-ब्रिटेन रक्षा क्षमता सहयोग पहलों और भविष्य में सहयोग के तरीके पर चर्चा की।
भारतीय विदेश सचिव से मुलाकात के बाद दक्षिण एशिया के एफसीडीओ मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद ने कहा, ‘‘भारत के साथ सहयोग को गहरा करने की ब्रिटेन की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने के लिए लंदन में भारतीय विदेश सचिव क्वात्रा की मेजबानी करते हुए हमें खुशी हो रही है।'' अहमद के कार्यालय ने कहा कि वार्ता में एफटीए, प्रवासन और राष्ट्रमंडल पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा, ‘‘मैं व्यापार, रक्षा, जलवायु और स्वास्थ्य पर एक साथ काम करते हुए हमारे संबंधों के और मजबूत होने की उम्मीद करता हूं।'' ‘2030 प्रारूप' वर्ष 2021 में भारत और ब्रिटेन के बीच तय किया गया था और इसमें वर्ष 2030 तक स्वास्थ्य, जलवायु, व्यापार, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और रक्षा पर सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धताएं शामिल हैं।
भारत और ब्रिटेन एफटीए पर 13 दौर की वार्ता कर चुके हैं और इसका 14वां दौर जनवरी में शुरू हुआ। इस समझौते में 26 अध्याय हैं, जिनमें वस्तु, सेवाएं, निवेश और बौद्धिक संपदा अधिकार शामिल हैं। भारतीय उद्योग आईटी और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों के अपने कुशल पेशेवरों के लिए ब्रिटेन के बाजार में अधिक पहुंच की मांग कर रहा है। इसके अलावा वह शून्य सीमा शुल्क पर कई वस्तुओं के लिए बाजार में पहुंच की भी मांग कर रहा है। दूसरी ओर, ब्रिटेन स्कॉच व्हिस्की, इलेक्ट्रिक वाहन, मांस, चॉकलेट और अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क में पर्याप्त कटौती चाहता है। भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2021-22 में 17.5 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 20.36 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।