Edited By Parveen Kumar,Updated: 14 Feb, 2025 09:30 PM
![india will be rich by 2030](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_21_30_0724317234-ll.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अमेरिकी दौरे पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। व्हाइट हाउस में हुई इस बैठक में भारत और अमेरिका के बीच एफ-35 फाइटर जेट की बिक्री और अगले 10 वर्षों में रक्षा साझेदारी पर हस्ताक्षर किए गए।
नेशनल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अमेरिकी दौरे पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। व्हाइट हाउस में हुई इस बैठक में भारत और अमेरिका के बीच एफ-35 फाइटर जेट की बिक्री और अगले 10 वर्षों में रक्षा साझेदारी पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा, दोनों देशों ने व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत करने का संकल्प लिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साझा बयान में कहा, "इस साल से हम भारत को सैन्य बिक्री में कई अरब डॉलर का इजाफा करेंगे।" इसके साथ ही भारत और अमेरिका ने 'मिशन 500' की घोषणा की, जिसका उद्देश्य 2030 तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक बढ़ाना है।
क्या है 'मिशन 500'?
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मिशन 500 के तहत भारत और अमेरिका 2030 तक अपने द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से भी ज्यादा बढ़ाकर 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रख रहे हैं। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए दोनों देशों ने व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने का संकल्प लिया है।
भारत को कैसे होगा फायदा?
मिशन 500 के तहत भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों को और बेहतर बनाने के लिए 2025 तक मल्टी-सेक्टर द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) की पहली किश्त पर बातचीत शुरू करने की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही, दोनों देशों ने इस व्यापार संबंध को निष्पक्ष और पारस्परिक रूप से लाभकारी बनाने का लक्ष्य रखा है। पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान 'कॉम्पैक्ट' नामक नई पहल की भी घोषणा की गई। इस पहल का उद्देश्य सैन्य साझेदारी, त्वरित वाणिज्य और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाना है।