Edited By Rohini Oberoi,Updated: 27 Mar, 2025 02:53 PM

भारत ने अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन उत्पादक के रूप में अपनी जगह बना ली है और 2026 तक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में 300 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य ‘मेक इन इंडिया’ और उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत हासिल...
नेशनल डेस्क। भारत ने अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन उत्पादक के रूप में अपनी जगह बना ली है और 2026 तक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में 300 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य ‘मेक इन इंडिया’ और उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत हासिल किया जाएगा। केंद्रीय सरकार ने इस बात की जानकारी दी।
भारत में 2014-15 में बेचे गए मोबाइल फोन का केवल 26 प्रतिशत हिस्सा देश में ही निर्मित होता था जो अब दिसंबर 2024 तक बढ़कर 99.2 प्रतिशत होने की उम्मीद है। 2014 में भारत में केवल दो मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स थीं जबकि अब यह संख्या बढ़कर 300 से अधिक हो गई है। इस दौरान भारत का मोबाइल फोन निर्यात भी तेजी से बढ़ा है। 2014-15 में जहां निर्यात 1,566 करोड़ रुपये था वहीं 2023-24 में यह बढ़कर 1.2 लाख करोड़ रुपये हो गया है जो 77 गुना की वृद्धि को दर्शाता है।
भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम में भी महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं जिसमें पांच ऐतिहासिक परियोजनाओं को मंजूरी मिल चुकी है जिनमें कुल निवेश 1.52 लाख करोड़ रुपये के आसपास है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के मुताबिक भारत अपने मजबूत नीतियों और कुशल कार्यबल के चलते 2026 तक 300 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।
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मोबाइल फोन का निर्माण मूल्य 2014 में 18,900 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 4,22,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। भारत में हर साल 325 से 330 मिलियन मोबाइल फोन का निर्माण हो रहा है और यहां औसतन लगभग एक बिलियन मोबाइल फोन उपयोग में हैं। मंत्रालय के अनुसार इस तेजी से बढ़ते क्षेत्र में विभिन्न सरकारी पहलों का बड़ा योगदान है।
औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पीएलआई योजना के तहत प्रमुख क्षेत्रों के लिए बजट में वृद्धि की है जिससे घरेलू विनिर्माण को और मजबूत किया जा रहा है। स्मार्टफोन के चलते भारत इस वित्त वर्ष (2024-25) में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात को 3 लाख करोड़ रुपये पार करने का अनुमान है।
अप्रैल से फरवरी तक के आंकड़ों के अनुसार 2024-25 में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 2.87 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से 35 प्रतिशत अधिक है। वहीं इस निर्यात वृद्धि में स्मार्टफोन का सबसे बड़ा योगदान है जो 1.75 लाख करोड़ रुपये का है और पिछले साल के मुकाबले 54 प्रतिशत अधिक है।