Edited By Rohini Oberoi,Updated: 25 Mar, 2025 04:27 PM

भारत आने वाले पांच वर्षों में वैश्विक व्यापार वृद्धि में 6 फीसदी का महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह बात हाल ही में जारी 'डीएचएल ट्रेड एटलस 2025' रिपोर्ट में कही गई है। यह रिपोर्ट न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस और जर्मन लॉजिस्टिक्स कंपनी...
नेशनल डेस्क। भारत आने वाले पांच वर्षों में वैश्विक व्यापार वृद्धि में 6 फीसदी का महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह बात हाल ही में जारी 'डीएचएल ट्रेड एटलस 2025' रिपोर्ट में कही गई है। यह रिपोर्ट न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस और जर्मन लॉजिस्टिक्स कंपनी डीएचएल द्वारा मिलकर प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत वैश्विक व्यापार में चीन (12 प्रतिशत) और अमेरिका (10 प्रतिशत) के बाद तीसरे स्थान पर रहेगा।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत की व्यापार वृद्धि दर जो पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है। वैश्विक व्यापार वृद्धि दर (2 प्रतिशत) से कहीं अधिक है। 2019 से 2024 तक भारत का व्यापार 5.2 प्रतिशत की दर से बढ़ा है जो अन्य देशों के मुकाबले बहुत बेहतर प्रदर्शन है।
भारत ने व्यापार वृद्धि के मामले में विशेष तेजी दिखायी है और भविष्य में इस गति को बरकरार रखने की उम्मीद जताई गई है। रिपोर्ट में भारत के माल व्यापार-से-जीडीपी अनुपात को चीन के बराबर बताया गया है और यह भी कहा गया कि भारत की व्यापार तीव्रता चीन से अधिक है। खासकर वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार में।
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रिपोर्ट के मुताबिक भारत के साथ वियतनाम, इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे देशों को भी अगले पांच वर्षों में तेजी से व्यापार वृद्धि का अनुमान है। डीएचएल एक्सप्रेस के दक्षिण एशिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आरएस सुब्रमण्यन ने कहा, "भारत का व्यापार विस्तार वैश्विक व्यापार में महत्वपूर्ण केंद्र बनने की दिशा में है। हालांकि वैश्विक अर्थव्यवस्था की अस्थिरता को देखते हुए हम आशावादी हैं।"
भारत का विदेशी व्यापार: निर्यात में वृद्धि
भारत के विदेशी व्यापार में भी लगातार सुधार हो रहा है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से फरवरी 2024-25 तक भारतीय निर्यात का अनुमान 750.53 बिलियन डॉलर रहा जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 706.43 बिलियन डॉलर था। इस दौरान 6.24 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। प्रमुख निर्यात में इलेक्ट्रॉनिक सामान, चावल, कोयला, खनिज और रेडीमेड वस्त्र शामिल थे।
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भारत के प्रमुख व्यापारिक साझीदारों में अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, चीन, जापान, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। वित्त मंत्रालय के अनुसार 2023-24 के वित्तीय वर्ष में भारत का व्यापार घाटा 78.12 बिलियन डॉलर था जो पिछले वर्ष 121.6 बिलियन डॉलर से कम है।
इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि भारत तेजी से अपने व्यापारिक नेटवर्क को विस्तार दे रहा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी अहम भूमिका निभाने की ओर बढ़ रहा है।