Edited By Rohini Oberoi,Updated: 03 Feb, 2025 03:35 PM
भारत में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है जिससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट की मांग भी लगातार बढ़ रही है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार देशभर में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार कर रही है। आने वाले कुछ सालों में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन सकता...
नेशनल डेस्क। भारत में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है जिससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट की मांग भी लगातार बढ़ रही है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार देशभर में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार कर रही है। आने वाले कुछ सालों में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन सकता है। फिलहाल चीन का मेट्रो नेटवर्क दुनिया में पहले स्थान पर है जबकि भारत इस समय तीसरे स्थान पर है लेकिन जिस तेजी से भारत में मेट्रो का विस्तार हो रहा है जल्द ही यह अमेरिका को पीछे छोड़कर दूसरे नंबर पर आ सकता है।
भारत में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार
कुछ साल पहले तक यह कल्पना करना मुश्किल था कि भारत में इतने बड़े स्तर पर मेट्रो नेटवर्क तैयार होगा लेकिन आज भारत के 20 से ज्यादा शहरों में मेट्रो सेवा उपलब्ध है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, नागपुर, लखनऊ और जयपुर जैसे बड़े शहरों में मेट्रो चल रही है। इसके अलावा कई और शहरों में भी मेट्रो नेटवर्क तैयार किया जा रहा है।
वर्तमान में भारत में कितनी मेट्रो लाइनें हैं?
➤ अभी भारत में 850 किलोमीटर से ज्यादा लंबी मेट्रो लाइनें चालू हैं।
➤ लगभग 1,000 किलोमीटर से अधिक मेट्रो लाइनों पर काम चल रहा है।
➤ अमेरिका का मेट्रो नेटवर्क 1,408 किलोमीटर लंबा है जिसे भारत जल्द ही पीछे छोड़ सकता है।
नए मेट्रो प्रोजेक्ट और विस्तार कार्य
भारत के कई शहरों में नए मेट्रो प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है जिससे छोटे और बड़े शहरों को मेट्रो सेवा से जोड़ा जा रहा है।
➤ दिल्ली मेट्रो: फेज-4 प्रोजेक्ट के तहत 100 किलोमीटर से अधिक नई मेट्रो लाइनें जोड़ी जाएंगी।
➤ मुंबई मेट्रो: मेट्रो लाइन 2A, 7, 3 और अन्य लाइनों का काम तेजी से जारी है।
➤ बेंगलुरु मेट्रो: जल्द ही नई मेट्रो लाइनों का संचालन शुरू होने वाला है।
➤ पुणे और नागपुर मेट्रो: इन शहरों में भी मेट्रो नेटवर्क का तेजी से विकास किया जा रहा है।
➤ इंदौर, भोपाल, कानपुर और आगरा: इन शहरों में भी जल्द मेट्रो सेवा शुरू होने जा रही है।
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'मेक इन इंडिया' से मेट्रो निर्माण को बढ़ावा
भारत सरकार 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत मेट्रो निर्माण को बढ़ावा दे रही है। 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत मेट्रो निर्माण में स्वदेशी तकनीक और संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है जिससे निर्माण लागत भी कम हो रही है।
मेट्रो नेटवर्क बढ़ने से होने वाले फायदे
➤ यातायात जाम कम होगा – बड़े शहरों में ट्रैफिक की समस्या को मेट्रो काफी हद तक कम कर सकती है।
➤ पर्यावरण प्रदूषण घटेगा – मेट्रो एक इको-फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट सिस्टम है जिससे प्रदूषण कम होगा।
➤ यात्रा आसान और सस्ती होगी – आम लोगों को बेहतर और किफायती यात्रा का विकल्प मिलेगा।
➤ आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा – मेट्रो नेटवर्क से शहरों का विकास तेजी से होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
भारत का मेट्रो नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है और जल्द ही यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन सकता है। इससे न केवल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम मजबूत होगा बल्कि देश के विकास में भी मदद मिलेगी। सरकार के इस कदम से लोगों की यात्रा सुगम और सुलभ होगी साथ ही पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।