Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 22 Feb, 2025 05:41 PM
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भारत की कृषि नीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अभूतपूर्व बदलाव आया है। मोदी सरकार ने किसानों के लिए नए अवसरों के दरवाजे खोले हैं, और इन प्रयासों का असर न केवल भारतीय कृषि क्षेत्र पर, बल्कि वैश्विक कृषि व्यापार पर भी दिखाई दे रहा है।...
नेशनल डेस्क: भारत की कृषि नीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अभूतपूर्व बदलाव आया है। मोदी सरकार ने किसानों के लिए नए अवसरों के दरवाजे खोले हैं, और इन प्रयासों का असर न केवल भारतीय कृषि क्षेत्र पर, बल्कि वैश्विक कृषि व्यापार पर भी दिखाई दे रहा है। भारतीय कृषि निर्यात ने नए उच्चतम स्तर को छुआ है, और कई कृषि उत्पाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुँच चुके हैं। मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत विजन का कृषि क्षेत्र पर असर पड़ता हुआ नजर आ रहा है, जहां पारंपरिक खाद्य पदार्थों के साथ-साथ विदेशी फलों का भी निर्यात हुआ है।
कृषि निर्यात में ऐतिहासिक विस्तार
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में कृषि निर्यात में अभूतपूर्व विस्तार किया है। यह विस्तार न केवल व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे किसानों को सशक्त बनाने, ग्रामीण क्षेत्रों की आय बढ़ाने और भारतीय कृषि उत्पादों को वैश्विक मानचित्र पर लाने में मदद मिली है। मोदी सरकार की नीतियों के कारण, अब भारतीय कृषि उत्पादों की पहली खेप दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पहुंच रही है।
प्रमुख निर्यातों की पहली खेप
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ऑस्ट्रेलिया को अनार की पहली खेप भारत ने ऑस्ट्रेलिया को प्रीमियम सांगोला और भगवा अनार की पहली समुद्री खेप सफलतापूर्वक भेजी। यह भारत के कृषि उत्पादों के वैश्विक बाज़ार में प्रवेश का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। इससे भारत के ताजे फलों के लिए नए रास्ते खोले गए हैं।
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पोलैंड को अंजीर जूस का निर्यात 2024 में, मोदी सरकार ने पुरंदर अंजीर से बने रेडी-टू-ड्रिंक अंजीर जूस को पोलैंड निर्यात करने का ऐतिहासिक कदम उठाया। इससे पहले 2022 में, जर्मनी को भी इस जूस का निर्यात किया गया था। यह सफलता भारतीय कृषि उत्पादों की गुणवत्ता और विविधता को वैश्विक स्तर पर प्रमोट करने में सहायक है।
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लंदन और बहरीन को ड्रैगन फ्रूट का निर्यात भारत ने 2021 में अपने फलों के निर्यात में विविधता लाने के लिए ड्रैगन फ्रूट (कमलम) को लंदन और बहरीन को निर्यात किया। यह एक नया कदम था, जिसने भारतीय कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में और अधिक पहचान दिलाई।
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अमेरिका को ताजे अनार की पहली शिपमेंट 2023 में, भारत ने अमेरिका को ताजे अनार की पहली ट्रायल शिपमेंट भेजी, जिससे भारत ने अमेरिकी बाजार में अपने उत्पादों को प्रमुख रूप से स्थापित किया। यह कदम भारतीय अनार उत्पादकों के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है।
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असम के 'लेटेकु' फल का दुबई निर्यात 2021 में, असम में उगाए गए 'लेटेकु' (बर्मी अंगूर) को दुबई निर्यात किया गया। यह असम और पूर्वोत्तर भारत के कृषि उत्पादों की वैश्विक पहचान को मजबूत करता है।
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त्रिपुरा से जर्मनी को कटहल का निर्यात 2021 में, त्रिपुरा से ताजे कटहल को पहली बार जर्मनी भेजा गया। यह भारतीय पूर्वोत्तर राज्यों की कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था।
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नागालैंड से लंदन को 'राजा मिर्च' का निर्यात 2021 में, नागालैंड से 'राजा मिर्च' (किंग चिली) की पहली खेप को लंदन भेजा गया। यह मोदी सरकार के प्रयासों को दर्शाता है, जिसके तहत पूर्वोत्तर राज्यों को कृषि उत्पादों के निर्यात मानचित्र पर लाया गया है।
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असम से यूएसए को लाल चावल का पहला निर्यात 2021 में, असम से 'लाल चावल' की पहली खेप को यूएसए के लिए रवाना किया गया। यह चावल असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में बिना रासायनिक खाद के उगाया जाता है और भारतीय चावल के निर्यात को बढ़ावा देता है।
कृषि निर्यात में मोदी सरकार का योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय किसानों के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है, जिनसे न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है, बल्कि उनकी कृषि उत्पादकता भी बढ़ी है। कृषि में प्रौद्योगिकी का समावेश, जैविक खेती के लिए प्रेरणा और बाजारों तक पहुंच को बेहतर बनाने के लिए किए गए प्रयासों ने किसानों को सशक्त किया है। इससे भारतीय कृषि उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है और निर्यात में वृद्धि हुई है।
वैश्विक मंच पर भारतीय कृषि का प्रदर्शन
इन सभी निर्यातों से यह साबित होता है कि भारत अब अपने कृषि उत्पादों को वैश्विक मंच पर प्रभावी तरीके से प्रदर्शित कर रहा है। मोदी सरकार की नीतियां और किसानों के प्रति विशेष ध्यान इसके पीछे मुख्य कारण हैं। इन निर्यातों के माध्यम से भारतीय कृषि उत्पादों की गुणवत्ता और विविधता दुनिया भर में फैल रही है।