Edited By Yaspal,Updated: 18 Nov, 2024 08:58 PM
तटरक्षक बल ने समुद्री सीमा रेखा के निकट समुद्र में पीछा करने के बाद पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी के एक जहाज से सात भारतीय मछुआरों को बचा लिया।
अहमदाबादः तटरक्षक बल ने समुद्री सीमा रेखा के निकट समुद्र में पीछा करने के बाद पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी के एक जहाज से सात भारतीय मछुआरों को बचा लिया। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। तटरक्षक बल को रविवार दोपहर को मछली पकड़ने के लिए निषिद्ध क्षेत्र (एनएफजेड) के पास काम कर रही एक भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव से संकटकालीन संकेत प्राप्त हुआ, जिसके बाद बचाव अभियान के लिए एक जहाज भेजा गया।
17 नवंबर 2024 की दोपहर साढ़े तीन बजे भारतीय तटरक्षक बल के जहाज आईसीजी अग्रिम (ICG Agrim) के पास एक इमरजेंसी कॉल आई। यह एक डिस्ट्रेस कॉल थी यानी मदद के लिए बुलावा। यह कॉल आई थी भारतीय फिशिंग बोट कालभैरव से। जो नो-फिशिंग जोन (NFZ) के पास मछली पकड़ रहा था। इसे पाकिस्तानी जहाज ने इंटरसेप्ट कर लिया था। रोक लिया था। उस पर मौजूद सातों मछुआरों को पकड़ कर पाकिस्तान ले जाने का प्लान था।
आईसीजी अग्रिम ने फुल स्पीड में जाकर पाकिस्तानी जहाज नुसरत को रोका। दो घंटे तक चूहे-बिल्ली की तरह समंदर में रेस चलती रही। इसके बाद पाकिस्तानी जहाज को कहा कि भारतीय मछुआरों को छोड़ दिया जाए। आखिरकार धमकी और समझाइश काम आई। पाकिस्तानी जहाज ने मछुआरों और नाव को छोड़ दिया। लेकिन कालभैरव नाव टूट गई थी। जिसकी वजह से वह समंदर में ही डूब गई।
इसके बाद आईसीजी अग्रिम जहाज मछुआरों को लेकर गुजरात को ओखा बंदरगाह पर 18 नवंबर को वापस आई। अब खुफिया एजेंसियां, राज्य की पुलिस और कोस्टगार्ड मिलकर उन मछुआरों से पूछताछ कर रही हैं। साथ ही यह भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है कि ये टकराव समंदर में क्यों हुआ?