Edited By Parminder Kaur,Updated: 06 Mar, 2025 10:41 AM

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ न केवल श्रद्धालुओं की भारी संख्या के कारण चर्चित हुआ, बल्कि इसने आर्थिक दृष्टि से भी एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। महाकुंभ में करीब 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जिससे न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश की...
नेशनल डेस्क. प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ न केवल श्रद्धालुओं की भारी संख्या के कारण चर्चित हुआ, बल्कि इसने आर्थिक दृष्टि से भी एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। महाकुंभ में करीब 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जिससे न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को जबरदस्त फायदा हुआ।
आर्थिक रिपोर्ट और प्रभाव
रिपोर्ट के अनुसार, महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं ने बैंकों से भारी मात्रा में पैसा निकाला। इसने देश की इकोनॉमी को एक बड़ा बूस्ट दिया। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि बैंकों से निकाले गए 1 लाख करोड़ रुपये अभी तक बैंकों में वापस नहीं आए हैं। इससे साफ है कि महाकुंभ ने आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
3.5 लाख करोड़ का फायदा
महाकुंभ के दौरान पूरे उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ। विशेषकर होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवल और खुदरा व्यापारियों को इससे बड़ा लाभ हुआ। महाकुंभ का असर सिर्फ इस आयोजन के दौरान ही नहीं बल्कि इसके बाद भी देखने को मिलेगा। प्रयागराज और आसपास के इलाकों में व्यापारियों की आय में वृद्धि हुई है।
पर्यटन से भी बढ़ी कमाई
महाकुंभ के बाद लोग बनारस, अयोध्या, चित्रकूट और नैमिषारण्य जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा करने पहुंचे, जिससे छोटे व्यापारियों को भी फायदा हुआ। यह दिखाता है कि धार्मिक आयोजनों से केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी विकास होता है।
बड़े आयोजनों का इकोनॉमी पर प्रभाव
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन देश की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होते हैं। इसी तरह हाल ही में गुजरात में आयोजित कोल्डप्ले कॉन्सर्ट ने भी इकोनॉमी को लाभ पहुंचाया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस कॉन्सर्ट को अर्थव्यवस्था के लिए अपार संभावनाओं वाला बताया था, जिससे यह साबित होता है कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और युवा आबादी इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल बना सकती है।
बैंकों में कमी, लोन देने में समस्या
महाकुंभ के दौरान बैंकों से भारी मात्रा में पैसा निकालने के कारण बैंकों में नकदी की कमी हो गई थी। एसबीआई की रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया कि बैंकों के पास लोन देने के लिए भी पर्याप्त पैसा नहीं था। इसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों में नकदी बनाए रखने के लिए कई उपायों की घोषणा की है। इसके तहत अब बैंकों के पास करीब 1.9 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी आएगी, जिससे लोन देने में आसानी होगी।