Edited By Rahul Singh,Updated: 26 Oct, 2024 03:32 PM
भारत सरकार ने अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स को समर्थन देने के लिए 119 मिलियन डॉलर (1,000 करोड़ रुपये) का वेंचर कैपिटल (VC) फंड मंजूर किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह प्रस्ताव पिछले जुलाई में मंजूर किया था। इस फंड का प्रबंधन भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष...
नई दिल्ली। भारत सरकार ने अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स को समर्थन देने के लिए 119 मिलियन डॉलर (1,000 करोड़ रुपये) का वेंचर कैपिटल (VC) फंड मंजूर किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह प्रस्ताव पिछले जुलाई में मंजूर किया था। इस फंड का प्रबंधन भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) द्वारा किया जाएगा।
भारत दुनिया के शीर्ष पांच अंतरिक्ष देशों में से एक है, लेकिन इसका अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में केवल 2 प्रतिशत हिस्सा है। नरेंद्र मोदी सरकार इसे बदलना चाहती है, और यह VC फंड इस दिशा में एक कदम है। 2019-20 के बाद से, भारतीय अंतरिक्ष उद्योग तेजी से बढ़ा है, क्योंकि सरकार ने इस क्षेत्र को अधिक निजी गतिविधियों के लिए खोला है।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि यह फंड "युवाओं पर अद्भुत प्रभाव डालेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि यह कई नवोन्मेषी दिमागों को अवसर देगा और हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम को गति देगा।
फंड का उपयोग कैसे होगा?
1. 40 स्टार्ट-अप्स का समर्थन:
यह 1,000 करोड़ रुपये का फंड अगले पांच वर्षों में लगभग 40 अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स का समर्थन करेगा। औसत निवेश राशि सालाना 150-250 करोड़ रुपये हो सकती है।
2. गुणनकारी प्रभाव:
स्टार्ट-अप्स में पूंजी निवेश से भारतीय अंतरिक्ष उद्योग में गुणनकारी प्रभाव देखने को मिलेगा। यह निवेश अन्य विकास के लिए भी अतिरिक्त फंडिंग लाने की उम्मीद कर रहा है।
3. 'आत्मनिर्भर' भारत की दिशा में बढ़ावा:
यह फंड भारत की आत्मनिर्भरता की आकांक्षाओं को भी बढ़ावा देगा, खासकर अंतरिक्ष जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में। यह भारतीय कंपनियों को देश में ही रखने में मदद करेगा।
4. 5 गुना वृद्धि का लक्ष्य:
भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था वर्तमान में लगभग 8.4 अरब डॉलर है, और मोदी सरकार इसे अगले दशक में 44 अरब डॉलर तक बढ़ाना चाहती है। यह VC फंड इस वृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
5. रोजगार और अनुसंधान में वृद्धि:
यह VC फंड भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र की पूरी सप्लाई चेन का समर्थन करेगा। इससे व्यवसायों को बढ़ने, अनुसंधान और विकास में निवेश करने, और कार्यबल का विस्तार करने में मदद मिलेगी।