Edited By Radhika,Updated: 14 Jan, 2025 05:28 PM
मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी को लेकर भारत सरकार ने नोटिस भेजा है। इसके बाद से मेटा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यह समन उन्हें उस बयान को लेकर भेजा जाएगा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोविड में धीरे रिस्पान्स के कारण मोदी सरकार हार गई।
नेशनल डेस्क: मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी को लेकर भारत सरकार ने नोटिस भेजा है। इसके बाद से मेटा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यह समन उन्हें उस बयान को लेकर भेजा जाएगा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोविड में धीरे रिस्पान्स के कारण मोदी सरकार हार गई। वहीं इस संदर्भ में बीजेपी सांसद और कम्युनिकेशन- इंफर्मेशन टेक्नालाजी की स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने मेटा सीईओ के बयान पर रिएक्ट किया है।
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इसके अलावा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मार्क के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि भारत ने सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में मतदान किया और पीएम मोदी को तीसरी बार संसद तक पहुंचाया। जकरबर्ग का दावा तथात्मक रुप से गलत है। उन्हें तथ्यों और विश्वसनीयता का ध्यान रखना चाहिए।
ये है पूरा मामला-
सीईओ मार्क जुकरबर्ग 10 जनवरी को एक पॉडकास्ट में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि साल 2024 दुनिया के लिए काफी उथल-पुथल भरा रहा। 2024 एक बड़ा चुनावी साल था, क्योंकि भारत समेत कई देशों में चुनाव हुए। कोरोना के बाद हुए चुनावों में भारत और अन्य देशों की कई सरकारें गिर गईं, जो यह दिखाता है कि जनता का सरकारों के प्रति विश्वास घटा है। पूरे साल में कई वैश्विक घटनाएं हुईं, जैसे मुद्रास्फीति, कोरोना और आर्थिक नीतियों का असर चुनावों पर पड़ा। इन कारणों से लोगों का गुस्सा और नाराजगी बढ़ी, जिससे चुनाव परिणामों पर असर पड़ा।