Edited By Anu Malhotra,Updated: 14 Mar, 2025 09:21 AM

भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को फरवरी 2025 में पिछले पांच वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा है। शेयर बाजार में जारी गिरावट और निवेश में सुस्ती के चलते म्यूचुअल फंड्स की कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹2.72 लाख करोड़ घटकर ₹64.53 लाख...
नेशनल डेस्क: भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को फरवरी 2025 में पिछले पांच वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा है। शेयर बाजार में जारी गिरावट और निवेश में सुस्ती के चलते म्यूचुअल फंड्स की कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹2.72 लाख करोड़ घटकर ₹64.53 लाख करोड़ पर आ गई।
क्यों गिरी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की AUM?
मार्च 2020 में कोविड-19 के दौरान म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की थी, जब AUM में ₹5 लाख करोड़ की कमी आई थी। उस समय निफ्टी 50 केवल एक महीने में 23.3% लुढ़क गया था। हालांकि, इस बार गिरावट के पीछे मुख्य रूप से तीन कारण माने जा रहे हैं:
1. शेयर बाजार में लगातार गिरावट
निफ्टी 50 फरवरी में 6% गिरा और बीते पांच महीनों में यह 14.3% तक लुढ़क चुका है।
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश 26.5% घटकर ₹29,242 करोड़ रह गया है।
2. SIP इनफ्लो में कमी
फरवरी में सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए ₹25,999 करोड़ का निवेश हुआ, जो जनवरी से 1.5% कम है।
फरवरी में कम दिनों की वजह से SIP निवेश में हल्की गिरावट दर्ज की गई।
3. लिक्विड फंड्स में धीमी ग्रोथ
-फरवरी में लिक्विड फंड्स में केवल ₹4,977 करोड़ का इनफ्लो हुआ, जबकि जनवरी में यह ₹91,593 करोड़ था।
-हाइब्रिड फंड्स में भी गिरावट आई और इनफ्लो ₹6,804 करोड़ तक सिमट गया, जो जनवरी में ₹8,768 करोड़ था।
किन फंड्स में निवेश बढ़ा?
एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) और कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स में निवेश बढ़ा है।
कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स के कुल AUM का 80% हिस्सा कॉरपोरेट बॉन्ड्स में अलॉट किया गया।
एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के सीईओ वेंकट एन चलासानी का कहना है कि "AUM में गिरावट मुख्य रूप से मार्केट करेक्शन (mark-to-market corrections) की वजह से हुई है।"
निवेशकों के लिए क्या संकेत?
2023 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने ₹16.2 लाख करोड़ की शानदार ग्रोथ दर्ज की थी। हालांकि 2024 की शुरुआत अच्छी रही, लेकिन जनवरी के बाद से बाजार में अनिश्चितता बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि लॉन्ग-टर्म निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है।
अगर बाजार में अस्थिरता बनी रहती है, तो AUM में और गिरावट देखने को मिल सकती है, लेकिन SIP निवेशकों के लिए यह समय बढ़िया खरीदारी का मौका साबित हो सकता है।