Edited By Parminder Kaur,Updated: 17 Aug, 2024 03:32 PM
सोचिए, अगर किचन का फायर अलार्म सही समय पर अलर्ट न कर पाए और आग लग जाए, तो एक ऐसी डिवाइस होनी चाहिए जो आग लगने से पहले ही अलर्ट दे सके। या फिर स्किन कैंसर का इलाज साबुन के जरिए हो सके। इन विचारों को हकीकत में बदलने वाले 11-15 साल के छह बच्चों को टाइम...
नेशनल डेस्क. सोचिए, अगर किचन का फायर अलार्म सही समय पर अलर्ट न कर पाए और आग लग जाए, तो एक ऐसी डिवाइस होनी चाहिए जो आग लगने से पहले ही अलर्ट दे सके। या फिर स्किन कैंसर का इलाज साबुन के जरिए हो सके। इन विचारों को हकीकत में बदलने वाले 11-15 साल के छह बच्चों को टाइम मैगजीन ने 'टाइम किड ऑफ द ईयर (2024)' चुना है। इनमें भारतीय मूल की माधवी चित्तूर (12) और शान्या गिल (13) भी शामिल हैं।
माधवी का मिशन: हानिकारक केमिकल्स पर बैन और युवा पीढ़ी को जागरूक करना
माधवी ने 6 साल की उम्र में पहली बार पीएफएस (विषैले केमिकल्स) के बारे में सुना। ये केमिकल्स सफाई उत्पाद, पेंट और फायर फाइटिंग फोम में इस्तेमाल होते हैं और इनसे कैंसर, इम्यूनिटी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। 2021 में माधवी ने अपनी मां के साथ कोलोराडो की सीनेटर लिसा कटर से मुलाकात की। एक साल के भीतर ही लिसा ने जानबूझकर मिलाए गए केमिकल्स पर बैन के लिए एक बिल पेश किया, जो गवर्नर जेरेड पोलिस ने पास किया। गवर्नर ने माधवी के संघर्ष को सराहा और उन्हें अपना पेन दिया। छुट्टियों में भारत आकर माधवी ने चेन्नई में बच्चों को समुद्र तट साफ रखने और प्रदूषण से लड़ने के लिए भी प्रेरित किया।
शान्या का इनोवेशन: आग लगने से पहले अलर्ट देने वाली डिवाइस
2022 में शान्या के घर के पीछे एक रेस्त्रां में फायर अलार्म के काम न करने के कारण आग लग गई थी, जिससे घर को भी नुकसान हुआ। इस घटना ने शान्या की मां को इतना डरा दिया कि उन्होंने बंद होने के बाद भी बर्नर चेक करना शुरू कर दिया। इसके समाधान के लिए शान्या ने एक ऐसी डिवाइस बनाई, जो आग लगने से पहले ही अलर्ट दे सके। इस डिवाइस में एक थर्मल कैमरा है जो मिनी कंप्यूटर से जुड़ा रहता है। यदि गैस लीक हो रही हो और दो मिनट तक कोई हलचल न हो, तो यह संभावित आग की चेतावनी के लिए यूजर को अलर्ट भेजती है। अमेरिकी फायर एडमिनिस्ट्रेशन इस इनोवेशन को बड़े पैमाने पर लॉन्च करने के लिए मदद और फंडिंग प्रदान कर रहा है।