Edited By Parminder Kaur,Updated: 13 Sep, 2024 05:24 PM
भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी नेता और रंगभेद-विरोधी कार्यकर्ता प्रवीण गोरधन का शुक्रवार को एक अस्पताल में निधन हो गया। गोरधन (75) कैंसर से पीड़ित थे और उनके परिवार ने इस दुखद खबर की पुष्टि की है। प्रवीण गोरधन 1994 में दक्षिण अफ्रीका के लोकतंत्र की ओर...
इंटरनेशनल डेस्क. भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी नेता और रंगभेद-विरोधी कार्यकर्ता प्रवीण गोरधन का शुक्रवार को एक अस्पताल में निधन हो गया। गोरधन (75) कैंसर से पीड़ित थे और उनके परिवार ने इस दुखद खबर की पुष्टि की है।
प्रवीण गोरधन 1994 में दक्षिण अफ्रीका के लोकतंत्र की ओर बढ़ने के समय से राजनीति में सक्रिय थे। चार महीने पहले उन्होंने अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताने के लिए सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी। उनके परिवार ने बताया कि शुक्रवार को अस्पताल में कैंसर से लड़ते हुए उनका निधन हो गया।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने गोरधन की सराहना करते हुए उन्हें एक महान राजनीतिज्ञ और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष के प्रेरक बताया। 2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने गोरधन को प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया था, जो विदेशों में रहने वाले भारतीयों के लिए भारत का सर्वोच्च सम्मान है।
गोरधन उस 'संक्रमणकालीन कार्यकारी परिषद' के सह-अध्यक्ष भी थे, जिसे रंगभेद नीति के खिलाफ संघर्ष के लिए जेल में बंद नेल्सन मंडेला की रिहाई के बाद बनाया गया था। इस परिषद के परिणामस्वरूप 1994 में मंडेला देश के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति बने थे।
गोरधन ने 2009 से 2014 तक और फिर 2015 से 2017 तक दक्षिण अफ्रीका के वित्त मंत्री के रूप में दो कार्यकाल पूरे किए। इसके अतिरिक्त उन्होंने 2014 से 2015 तक सहकारी शासन और पारंपरिक मामलों के मंत्री के रूप में भी काम किया। उनका अंतिम पद सार्वजनिक उद्यम मंत्री के रूप में था।