Edited By Anu Malhotra,Updated: 20 Feb, 2025 08:31 AM
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भारतीय रेलवे में रोजाना करोड़ों लोग यात्रा करते हैं, जिनमें से कई यात्री अनारक्षित (जनरल) कोच में सफर करते हैं। जनरल टिकट लेने के लिए यात्रियों को पहले से बुकिंग की जरूरत नहीं होती, बल्कि स्टेशन पर जाकर तुरंत टिकट लेकर सफर किया जा सकता है। लेकिन...
नेशनल डेस्क: भारतीय रेलवे में सफर करने वाले करोड़ों यात्रियों के लिए एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। रेलवे ने जनरल टिकट से यात्रा करने के नियमों में बदलाव करने का फैसला लिया है, जिससे अनारक्षित डिब्बों (जनरल कोच) में सफर करने वाले यात्रियों पर सीधा असर पड़ेगा। जनरल टिकट लेने के लिए यात्रियों को पहले से बुकिंग की जरूरत नहीं होती, बल्कि स्टेशन पर जाकर तुरंत टिकट लेकर सफर किया जा सकता है। लेकिन रेलवे अब जनरल टिकट नियमों में बदलाव करने पर विचार कर रहा है, जिससे यात्रियों की यात्रा प्रणाली में बड़ा परिवर्तन आ सकता है।
रिजर्व कोचों की बात करें तो इनमें थर्ड एसी, सेकेंड एसी, फर्स्ट एसी, एसी चेयर कार, स्लीपर और सेकेंड सिटिंग शामिल होते हैं, जिनके लिए यात्रियों को पहले से टिकट बुक करना पड़ता है। वहीं, अनारक्षित (Unreserved) कोच में केवल जनरल कोच होता है, जिसमें बिना अग्रिम आरक्षण के स्टेशन पर टिकट लेकर यात्रा की जा सकती है।
क्या बदल सकते हैं जनरल टिकट के नियम?
हाल ही में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ के कारण भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद रेलवे प्रशासन जनरल टिकट प्रणाली को और अधिक सुव्यवस्थित करने के लिए नए नियम लाने की योजना बना रहा है।
टिकट पर दर्ज हो सकता है ट्रेन का नाम
फिलहाल जनरल टिकट किसी भी ट्रेन में यात्रा करने के लिए मान्य होता है, यानी यात्री अपनी सुविधा के अनुसार ट्रेन बदल सकता है। लेकिन प्रस्तावित नए नियम के तहत जनरल टिकट पर ट्रेन का नाम भी दर्ज किया जा सकता है। इससे यात्रियों को केवल उसी ट्रेन से यात्रा करनी होगी, जिसका टिकट उन्होंने खरीदा है।
जनरल टिकट की वैधता
रेलवे के नियमों के अनुसार, जनरल टिकट की वैधता केवल तीन घंटे होती है। अगर यात्री टिकट लेने के बाद तीन घंटे के भीतर यात्रा शुरू नहीं करता, तो वह टिकट अमान्य हो जाता है और उस पर यात्रा नहीं की जा सकती।
रेलवे द्वारा प्रस्तावित इन बदलावों का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा और यात्रा को अधिक व्यवस्थित बनाना है। हालांकि, अंतिम निर्णय और नए नियमों की आधिकारिक घोषणा रेलवे मंत्रालय द्वारा जल्द ही की जा सकती है।