भारत के अंतरिक्ष स्टार्टअप्स ने ISRO के अनुभवी पेशेवरों को अपनी टीम में किया शामिल

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 17 Mar, 2025 03:05 PM

indian space startups add isro professionals to their team

भारत में अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से बदलाव आया है। अब, यह सिर्फ़ नए स्नातकों का ही खेल नहीं रहा, बल्कि भारत के अंतरिक्ष स्टार्टअप अपने संगठन की वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए

नेशनल डेस्क: भारत में अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से बदलाव आया है। अब, यह सिर्फ़ नए स्नातकों का ही खेल नहीं रहा, बल्कि भारत के अंतरिक्ष स्टार्टअप अपने संगठन की वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए, ISRO के अनुभवी वैज्ञानिकों और अन्य पेशेवरों को अपनी टीम में शामिल कर रहे हैं। इन स्टार्टअप्स की यह नई रणनीति न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि व्यवसायिक विकास और वैश्विक विस्तार के लिए भी महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।

ISRO के दिग्गजों का समावेश

भारत के अंतरिक्ष स्टार्टअप अब केवल तकनीकी नवाचारों की ओर ही ध्यान नहीं दे रहे, बल्कि वे अपने व्यापारिक दृष्टिकोण को भी मजबूत करने के लिए ISRO और अन्य प्रमुख संस्थाओं से अनुभवी पेशेवरों को अपने संगठन में जोड़ रहे हैं। ये पेशेवर तकनीकी विशेषज्ञता के अलावा, वैश्विक स्तर पर स्टार्टअप्स के व्यापारिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बेहद आवश्यक कौशल लेकर आते हैं। दिगंतारा के CEO, अनिरुद्ध शर्मा, ने बताया कि उनके संगठन ने ISRO से जुड़े पेशेवरों को अपनी टीम में शामिल किया है, ताकि वे अधिक गहरी तकनीकी विशेषज्ञता हासिल कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि उनके इंजीनियरिंग विभाग के VP (उपाध्यक्ष) और अंतरिक्ष प्रणालियों के AVP दोनों के पास ISRO का 15 वर्षों से ज्यादा का अनुभव है, जो उनकी तकनीकी क्षमता को मजबूती प्रदान करता है।

व्यवसायिक विकास और वैश्विक विस्तार

वर्तमान समय में, अंतरिक्ष स्टार्टअप्स के लिए केवल भारत तक ही सीमित रहना पर्याप्त नहीं है। इसके बजाय, वे यूरोप और अमेरिका जैसे विदेशी बाजारों में अपने पंख फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वे न केवल ISRO के दिग्गजों को जोड़ रहे हैं, बल्कि एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों जैसे कि टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और लार्सन एंड टूब्रो से भी मध्यम और वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों को अपनी टीम में शामिल कर रहे हैं। इससे स्टार्टअप्स को अपनी तकनीकी और परिचालन क्षमताओं को विस्तार करने में मदद मिल रही है। गैलेक्सआई जैसे स्टार्टअप्स भी अपनी रणनीतिक भूमिकाओं के लिए विशेषज्ञों को काम पर रख रहे हैं। गैलेक्सआई के संस्थापक सुयश सिंह का मानना है कि इस डोमेन में वरिष्ठ विशेषज्ञता उनके स्टार्टअप को अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र में एक मजबूत स्थान दिलाने में मदद करेगी।

भारत में वरिष्ठ पेशेवरों के लिए एक प्रतिस्पर्धी बाजार

अब तक भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में एक मुख्य समस्या यह थी कि वरिष्ठ पेशेवरों को एक आकर्षक कार्य वातावरण नहीं मिलता था, लेकिन हाल के वर्षों में यह स्थिति बदलने लगी है। भारतीय कंपनियां अब वरिष्ठ पेशेवरों के लिए प्रतिस्पर्धी वेतन और बेहतर कार्य वातावरण प्रदान कर रही हैं। ईवाई-पार्थेनॉन इंडिया के पार्टनर संतोष तिवारी ने बताया कि निजी अंतरिक्ष कंपनियों ने अब तेजी से बढ़ने वाले और लचीले कार्य वातावरण को बनाए रखा है, जिससे पेशेवरों को फायदा हो रहा है। इसके अलावा, वेतन संरचना और जीवन यापन की लागत को देखते हुए, भारतीय कंपनियों में वरिष्ठ पेशेवरों के लिए बेहतर सौदे उपलब्ध हैं।

सरकारी अनुबंध और निवेशकों का विश्वास

जैसे-जैसे भारत के अंतरिक्ष स्टार्टअप्स अपनी तकनीकी क्षमताओं में सुधार कर रहे हैं, वे निवेशकों और सरकारी अनुबंधों का विश्वास जीतने में भी सफल हो रहे हैं। एन स्पेस टेक जैसे स्टार्टअप्स, जो रक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को शामिल कर रहे हैं, अब निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक मजबूत नेटवर्क और ट्रैक रिकॉर्ड का निर्माण कर रहे हैं। दिव्या कोथामासु, जो एन स्पेस टेक की संस्थापक हैं, ने बताया कि अनुभवी नेता निवेशकों और सरकारी अनुबंधों में विश्वास पैदा करते हैं, जिससे कंपनी को बढ़ने और विकसित होने का अवसर मिलता है।

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