Edited By Anu Malhotra,Updated: 26 Feb, 2025 08:27 AM

भारतीय शेयर बाजार में पिछले एक महीने से लगातार गिरावट देखने को मिल रही है, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई है। विदेशी निवेशकों की रिकॉर्ड बिकवाली और डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ की धमकियों के बाद बाजार सुस्त पड़ गया है। इस उतार-चढ़ाव के कारण SIP...
नेशनल डेस्क: भारतीय शेयर बाजार में पिछले एक महीने से लगातार गिरावट देखने को मिल रही है, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई है। विदेशी निवेशकों की रिकॉर्ड बिकवाली और डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ की धमकियों के बाद बाजार सुस्त पड़ गया है। इस उतार-चढ़ाव के कारण SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) बंद करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
SIP स्टॉपेज रेशियो में जबरदस्त उछाल
- जनवरी 2025 में SIP बंद करने वालों की संख्या 61.33 लाख तक पहुंच गई, जबकि दिसंबर में यह आंकड़ा 44.90 लाख था।
- SIP स्टॉपेज रेशियो में 82.73% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो कि अब तक की सबसे अधिक वृद्धि है।
- मिडकैप और स्मॉलकैप फंड में निवेश करने वाले निवेशकों में सबसे ज्यादा घबराहट देखी गई।
एक्सपर्ट्स की राय – SIP जारी रखें या रोक दें?
-व्हाइटओक कैपिटल एएमसी के सीईओ आशीष सोमैया का कहना है कि अस्थिरता औसत रिटर्न को बेहतर बनाने में मदद करती है। मार्केट का उतार-चढ़ाव अनुमान लगाना मुश्किल है, इसलिए SIP जारी रखना फायदेमंद हो सकता है।
- Edelweiss Mutual Fund की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता के मुताबिक, मंदी के दौरान निवेश करना सबसे अधिक फायदेमंद होता है। इतिहास बताता है कि गिरावट के दौरान निवेश जारी रखने से मजबूत रिकवरी का लाभ मिलता है।
निवेशकों के लिए सलाह
- बाजार में गिरावट से घबराने के बजाय SIP को लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की तरह देखें।
- मंदी के दौरान निवेश जारी रखने से कम कीमत पर यूनिट खरीदने का मौका मिलता है।
- अगर जरूरत न हो तो SIP बंद करने की बजाय, बाजार सुधार का इंतजार करें।
बाजार में अस्थिरता के बावजूद एक्सपर्ट्स SIP बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं। निवेशक जल्दबाजी में फैसला लेने के बजाय लंबी अवधि के रिटर्न पर ध्यान दें।