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Mutual Fund: 61 लाख लोगों ने बंद कराई SIP, हाथ से निकल गया बड़ा मौका...समझें पूरा गणित

Edited By Anu Malhotra,Updated: 03 Mar, 2025 09:45 AM

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भारतीय शेयर बाजार में पिछले एक महीने से जारी भारी गिरावट ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है। बाजार में इस उतार-चढ़ाव का मुख्य कारण विदेशी निवेशकों द्वारा की गई रिकॉर्ड बिकवाली है, जो अमेरिका की टैरिफ नीतियों और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता से प्रभावित...

नेशनल डेस्क: भारतीय शेयर बाजार में पिछले एक महीने से जारी भारी गिरावट ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है। बाजार में इस उतार-चढ़ाव का मुख्य कारण विदेशी निवेशकों द्वारा की गई रिकॉर्ड बिकवाली है, जो अमेरिका की टैरिफ नीतियों और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता से प्रभावित हुई है। लगातार फंड निकासी के चलते बाजार कमजोर हुआ, जिससे निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये डूब चुके हैं। हालांकि, मंगलवार को हल्की बढ़त देखने को मिली, लेकिन इससे पहले ही बाजार में भारी नुकसान हो चुका था।

शेयर बाजार में गिरावट का असर म्यूचुअल फंड निवेश पर भी

म्यूचुअल फंड्स को आमतौर पर शेयर बाजार की तुलना में सुरक्षित माना जाता है, लेकिन हालिया अस्थिरता ने निवेशकों को इससे भी दूर जाने पर मजबूर कर दिया है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2025 तक देश में कुल 1026.89 लाख म्यूचुअल फंड खाते सक्रिय थे। हालांकि, इसी दौरान 56.19 लाख नए SIP (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) खाते खोले गए, जबकि 61.33 लाख खातों को बंद कर दिया गया, जो निवेशकों की घबराहट को दर्शाता है।

SIP स्टॉपेज रेशियो में भारी उछाल

- जनवरी 2025 में SIP स्टॉपेज रेशियो में 82.73% की वृद्धि दर्ज की गई, जो बीते वर्षों में सबसे अधिक है।
- SIP बंद करने वाले निवेशकों की संख्या 61.33 लाख तक पहुंच गई, जबकि दिसंबर 2024 में यह संख्या 44.90 लाख थी।
- सिर्फ एक महीने में 36.59% का इजाफा हुआ, जो बताता है कि निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है।

क्या कहते हैं बाजार विशेषज्ञ?

विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में यह अस्थिरता फिलहाल जारी रह सकती है, क्योंकि अमेरिका की टैरिफ नीतियों, वैश्विक मंदी की आशंका और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण अनिश्चितता बनी हुई है।

गिरते बाजार में SIP बंद न करें, बल्कि बढ़ाएं निवेश – विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में गिरावट के दौरान SIP बंद करना सही फैसला नहीं है। जो निवेशक चक्रवृद्धि ब्याज (compounding) की शक्ति को समझते हैं, उन्हें इस अवसर का लाभ उठाते हुए लंबी अवधि के लिए निवेश बनाए रखना चाहिए। बाजार में गिरावट के समय निवेश बढ़ाने से भविष्य में बेहतर रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है।

गिरते बाजार में निवेश बढ़ाने का गणित

जब बाजार में गिरावट होती है, तो निवेशकों को अधिक संख्या में म्यूचुअल फंड यूनिट्स मिलती हैं, जिससे उनकी औसत लागत कम हो जाती है। बाजार में सुधार होने पर निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलता है, जो स्थिर या तेज़ी वाले बाजार की तुलना में अधिक फायदेमंद हो सकता है।

उदाहरण के लिए:
- अगर कोई निवेशक हर महीने ₹10,000 का SIP करता है, तो 20 साल में 10% वार्षिक रिटर्न के हिसाब से ₹76 लाख से अधिक का फंड जमा हो सकता है।
- यदि बाजार में सुधार के दौरान रिटर्न बढ़कर 15% हो जाए, तो वही निवेश ₹1.51 करोड़ से अधिक हो सकता है।

क्या करें निवेशक?

- SIP जारी रखें: बाजार में गिरावट के दौरान घबराने की बजाय निवेश बनाए रखें।
- मौका समझकर निवेश बढ़ाएं: गिरावट के समय निवेश बढ़ाने से कम लागत पर अधिक यूनिट्स मिलती हैं।
- लंबी अवधि के लिए सोचें: मार्केट में अस्थिरता हमेशा रहती है, लेकिन लंबी अवधि में यह स्थिर होकर अच्छा रिटर्न देता है।

संक्षेप में, गिरते बाजार में निवेश रोकने के बजाय SIP को जारी रखना और बढ़ाना ही समझदारी होगी।

 

 

 

 

 

 

 

 

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