Edited By Anu Malhotra,Updated: 14 Jan, 2025 05:04 PM
भारतीय शेयर बाजारों में पिछले 74 दिनों के दौरान भारी उथल-पुथल देखी गई है। 26 सितंबर 2024 से 14 जनवरी 2025 तक बाजार पूंजीकरण (market capitalization) में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों को लगभग ₹65 लाख करोड़ का नुकसान हुआ।
नेशनल डेस्क: वैश्विक बाजारों में गिरावट और अमेरिकी रोजगार के मजबूत आंकड़ों के कारण फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में शीघ्र कटौती की उम्मीदें धूमिल पड़ने से भारतीय शेयर बाजार को बड़ा झटका लगा। घरेलू बाजार में निवेशकों की चौतरफा बिकवाली ने सेंसेक्स और निफ्टी को 7 महीने के निचले स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया। इस बड़ी गिरावट से निवेशकों के 12.62 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट
बीएसई का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 1048.90 अंकों (1.36%) की बड़ी गिरावट के साथ 7 महीने बाद 77 हजार अंक के नीचे फिसलकर 76,330.01 पर बंद हुआ। इससे पहले सेंसेक्स 11 जून 2024 को 76,456.59 पर था। वहीं, एनएसई का निफ्टी 345.55 अंकों (1.47%) की गिरावट के साथ 23,085.95 पर बंद हुआ।
निवेशकों को भारी नुकसान
इस गिरावट के चलते बीएसई का बाजार पूंजीकरण घटकर 41,70,590.74 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले कारोबारी सत्र में 42,96,783.05 करोड़ रुपये था। इस तरह से निवेशकों के 12,61,928.31 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
अंतरराष्ट्रीय दबाव ने बिगाड़ा माहौल
अमेरिका में रोजगार के मजबूत आंकड़ों ने वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को कमजोर कर दिया है, जिससे निवेशक निराश हैं। इस निराशा का असर घरेलू बाजार पर भी देखने को मिला। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी बाजारों में गिरावट और बढ़ती ब्याज दरों की आशंका ने बाजार की धारणा को कमजोर कर दिया है।
निवेशकों में बेचैनी बढ़ी
बाजार की इस गिरावट ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है। कई निवेशकों ने अपना पैसा निकालने के लिए बिकवाली की, जिससे बाजार में और गिरावट आई। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में स्थिरता आने में अभी समय लग सकता है।