Edited By Tanuja,Updated: 16 Apr, 2025 03:34 PM
सिंगापुर नागरिक सुरक्षा बल (SCDF) के ‘कम्युनिटी लाइफसेवर अवार्ड' से सम्मानित किए जाने वालों में पिछले मंगलवार (आठ अप्रैल) को...
International Desk: सिंगापुर नागरिक सुरक्षा बल (SCDF) के ‘कम्युनिटी लाइफसेवर अवार्ड' से सम्मानित किए जाने वालों में पिछले मंगलवार (आठ अप्रैल) को सिंगापुर के एक ‘शॉपहाउस' में लगी आग से 16 बच्चों और वयस्कों को बचाने वाले भारत के निर्माण श्रमिकों सहित 18 लोग शामिल हैं। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण का सात वर्षीय बेटा भी तीन मंजिला ‘रिवर वैली रोड बिल्डिंग' में लगी आग में घायल हुए लोगों में शामिल था। इस इमारत में ‘न्यूटनशो कैंप' द्वारा संचालित बच्चों का केंद्र है। SCDF अग्निशमन दल के पहुंचने से पहले ‘शॉपहाउस' के आसपास मौजूद इन 18 लोगों ने छह से 10 वर्ष की आयु के बच्चों और 23 से 55 वर्ष की आयु के छह वयस्कों को बचा लिया और उनकी देखभाल की।
आग से बचाई गई 10 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई लड़की की बाद में एक अस्पताल में मौत हो गई। ‘फर्स्ट एससीडीएफ डिवीजन' के कमांडर कर्नल ताई जी वेई ने कहा, ‘‘आग लगने की घटनाओं में समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए हम वास्तव में उन लोगों को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने उस दिन एससीडीएफ के आने से पहले ही लोगों की जान बचाई। चैनल ‘न्यूज एशिया' ने मंगलवार को कर्नल ताई के हवाले से कहा, ‘‘आपने अब तक प्रसारित कई वीडियो में देखा होगा कि उनकी बहादुरी, उनकी त्वरित कार्रवाई और उनकी सामूहिक कार्रवाई ने वास्तव में उस दिन लोगों की जान बचाई।'' ‘SCDF कम्युनिटी लाइफसेवर अवार्ड' उन लोगों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान बचाने में योगदान दिया हो।
बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने में मदद करने वाले निजी-अनुबंध पर काम करने वाले चालक बेन्सन लो ने बताया कि बच्चे ‘‘कांप रहे थे'' और ‘‘कूदना चाहते थे''। समुदाय के लोगों ने चिल्लाकर उन्हें रुकने के लिए कहा। निर्माण श्रमिक शकील मोहम्मद (35), साथी निर्माण श्रमिकों हसन इमामुल (20) और चिन्नाप्पा कन्नदासन (32) के साथ सीढ़ी के शीर्ष पर थे। उन्होंने बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए मानव श्रृंखला बनाई। शकील ने बताया कि शुरू में उसने इमारत की तीसरी मंजिल पर जाने की कोशिश की, लेकिन दूसरी मंजिल पर लगी आग को पार नहीं कर पाया और अन्य लोगों से मदद मांगने के लिए बाहर चला गया। शकील ने बताया कि इमारत से ‘‘निकलकर बचने का कोई रास्ता'' नहीं था और उसने एक बच्चे को कूदने की कोशिश करते देखा।
शकील ने बताया कि उसने बच्चे से कहा, ‘‘कूदना मत। मैं तुम्हारी मदद करूंगा।'' इमारत से बच्चों को जमीन पर उतारने में अपने साथियों की मदद करने वाले भारत से आए एक निर्माण श्रमिक रवि कुमार ने कहा कि वह अपनी छोटी बहन के बारे में सोच रहे थे, जो इन बच्चों के ही उम्र की है। यह सोचकर वह परेशान हो गए थे। कुमार ने कहा, ‘‘मैंने लोगों की जान बचाई और आज भी मैं घटना के बारे में सोचकर परेशान हो जाता हूं।'' उन्होंने कहा कि आग में झुलसकर मरने वाली लड़की अब भी उनके दिमाग में है। 26 वर्षीय मजदूर ने कहा, ‘‘यहां तक कि जब मैं काम कर रहा होता हूं या खाना खा रहा होता हूं, तब भी मैं उसके बारे में सोचता रहता हूं और बहुत दुखी होता हूं।''
‘न्यूटनशो' के अंतर्गत आने वाले ब्रांडों में से एक ‘टोमेटो कुकिंग स्कूल' ने नौ अप्रैल को कहा था कि वह आग लगने की घटना की जांच में सहयोग कर रहा है। अधिकारी आग लगने की घटना की जांच कर रहे हैं। पुरस्कार के लिए एससीडीएफ द्वारा मान्यता प्राप्त 18 व्यक्तियों में चिन्नप्पा कन्नड़ासन, हसन इमामुल, शकील मोहम्मद, तपोश, हसन राजीब, रवि कुमार, वरुवेल क्रिस्टोफर, गोविंदराज एलंगेश्वरन, मुथुकुमार मुगेश, इंद्रजीत सिंह, शिवसामी विजयराज, नागराजन अन्बरासन, सुब्रमण्यम सरनराज, इस्लाम शफीकुल, सुब्रमण्यम रमेशकुमार, बेन्सन लो, शेख अमीरुद्दीन बिन कमालुद्दीन और डॉ. लौरा बिफिन शामिल हैं।