बड़े पैमाने पर बनेंगे स्वदेशी इलेक्ट्रोलाइजर, राज्य में हाईवे पर ग्रीन ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे

Edited By Radhika,Updated: 11 Dec, 2024 02:07 PM

indigenous electrolysers will be made on a large scale

राजस्थान ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए जरूरी कच्चे माल का प्रमुख स्रोत बन चुका है और इसी वजह से सरकार सस्ती ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की दिशा में तेजी से कदम उठा रही है। राज्य में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए आयातित उपकरणों के बजाय, बड़े पैमाने पर...

नेशनल डेस्क: राजस्थान ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए जरूरी कच्चे माल का प्रमुख स्रोत बन चुका है और इसी वजह से सरकार सस्ती ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की दिशा में तेजी से कदम उठा रही है। राज्य में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए आयातित उपकरणों के बजाय, बड़े पैमाने पर स्वदेशी इलेक्ट्रोलाइजर बनाने वाली मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित की जाएंगी। इससे ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन में वृद्धि होगी और इसके मूल्य में कमी आएगी, जिससे अब हाइड्रोजन की कीमत 600 रुपए प्रति किलो के बजाय केवल 150 रुपए प्रति किलो हो जाएगी।

हाईवे पर ग्रीन ईवी चार्जिंग स्टेशन भी पीपीपी मॉडल पर लगाए जाएंगे। स्वदेशी इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण और ग्रीन ईवी चार्जिंग स्टेशन की स्थापना के लिए सरकार ने राजस्थान इंट्रीग्रेटेड क्लीन एनर्जी नीति-2024 में राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम के तहत रियायतें और इंसेटिव देने का प्रावधान किया है। केंद्र सरकार भी चाहती है कि ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिए आयातित महंगे इलेक्ट्रोलाइजर की जगह स्वदेशी इलेक्ट्रोलाइजर बनें। इसके लिए केन्द्र सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत स्वदेशी इलेक्ट्रोलाइजर मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए 4444 करोड़ की इनसेंटिव स्कीम जारी की है।

 

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