Edited By Rahul Rana,Updated: 29 Dec, 2024 10:26 AM
मुंबई से इस्तांबुल जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट को तकनीकी कारणों से 16 घंटे की देरी का सामना करना पड़ा और इसके बाद फ्लाइट को कैंसिल कर दिया गया। इससे छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों को काफी परेशानी हुई और उनका गुस्सा फूट...
नेशनल डेस्क। मुंबई से इस्तांबुल जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट को तकनीकी कारणों से 16 घंटे की देरी का सामना करना पड़ा और इसके बाद फ्लाइट को कैंसिल कर दिया गया। इससे छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों को काफी परेशानी हुई और उनका गुस्सा फूट पड़ा।
16 घंटे की देरी के बाद फ्लाइट कैंसिल
इंडिगो की फ्लाइट का परिचय संख्या 6E 18 था, जो सुबह 6.55 बजे मुंबई से इस्तांबुल के लिए रवाना होने वाली थी। लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण यह फ्लाइट बार-बार स्थगित की गई। पहले इसे कुछ घंटों के लिए टाल दिया गया फिर देरी बढ़ती चली गई। अंत में लगभग 16 घंटे बाद फ्लाइट को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया।
यात्रियों का गुस्सा हुआ भड़क
इस देरी और बाद में फ्लाइट के रद्द होने से यात्रियों में गुस्सा फैल गया। कई यात्री हवाई अड्डे पर लंबी इंतजार के बाद परेशान हो गए थे। कुछ यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताई और फ्लाइट के रद्द होने के बाद उनकी परेशानी बढ़ने का जिक्र किया। यात्रियों का कहना था कि एयरलाइन की ओर से उन्हें सही जानकारी नहीं दी जा रही थी जिससे वे अनिश्चितता में थे।
एयरलाइन ने दी जानकारी
इंडिगो एयरलाइन ने इस घटना पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि फ्लाइट में तकनीकी समस्याएं आईं जिसके कारण इसे समय पर उड़ान नहीं भर पाई। एयरलाइन ने बताया कि यात्रियों को जल्द से जल्द वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही प्रभावित यात्रियों को यातायात और खाने-पीने की व्यवस्था की गई थी।
यात्री हुए असहज
वहीं कई यात्रियों ने हवाई अड्डे पर इंतजार करने के दौरान असुविधा का सामना किया। उन्हें भोजन, पानी और अन्य सुविधाओं का इंतजाम ठीक से नहीं किया गया जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई। यात्रियों का कहना था कि एयरलाइन ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई और उन्हें बेहतर जानकारी मिलनी चाहिए थी।
बता दें कि इस घटना ने हवाई यात्रा के दौरान समय की अहमियत और एयरलाइन की जिम्मेदारी को एक बार फिर उजागर किया है। यात्री उम्मीद कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए एयरलाइनों द्वारा बेहतर व्यवस्थाएं की जाएं।