Edited By Utsav Singh,Updated: 19 Nov, 2024 03:41 PM
भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जीवन अनेक साहसिक फैसलों और ऐतिहासिक घटनाओं से भरा हुआ था। उनका जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ था। इंदिरा गांधी के निर्णय लेने की क्षमता को देखकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें 'दुर्गा' के...
नेशनल डेस्क: भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जीवन अनेक साहसिक फैसलों और ऐतिहासिक घटनाओं से भरा हुआ था। उनका जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ था। इंदिरा गांधी के निर्णय लेने की क्षमता को देखकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें 'दुर्गा' के रूप में संबोधित किया था। उनका नेतृत्व और राजनीतिक दृढ़ता उन्हें आयरन लेडी के नाम से प्रसिद्धि दिलाई।
पाकिस्तान का विभाजन और बांग्लादेश की स्वतंत्रता
भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांटा गया - ईस्ट पाकिस्तान (जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है) और वेस्ट पाकिस्तान। 1971 में, इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक युद्ध छेड़ा।
युद्ध और बांग्लादेश का निर्माण
पूर्वी पाकिस्तान में पश्चिमी पाकिस्तान की सेना द्वारा बांग्ला भाषियों के साथ क्रूर अत्याचार किए जा रहे थे, जिससे भारी संख्या में शरणार्थी भारत में आ रहे थे। इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश की मुक्ति के लिए भारतीय सेना को आदेश दिया। भारतीय सेना ने 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के 90,000 सैनिकों को आत्मसमर्पण करवा लिया, जिससे बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश के रूप में उभरा। इस युद्ध में अमेरिका पाकिस्तान का साथ दे रहा था, लेकिन भारत की विजय ने बांग्लादेश को एक स्वतंत्र राष्ट्र बना दिया।
बैंकों का राष्ट्रीयकरण
इंदिरा गांधी ने देश के आर्थिक विकास के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले किए। 1969 में उन्होंने देश के 14 बड़े बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया, ताकि इन बैंकों का संचालन आम जनता के हित में किया जा सके। इस फैसले ने देश के गरीब और छोटे वर्गों को बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई। इसके बाद 1980 में 7 और बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया।
खालिस्तान आंदोलन और ऑपरेशन ब्लू स्टार
1980 में खालिस्तान आंदोलन अपने चरम पर था, जो भारत के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया था। इस आंदोलन के नेता जरनैल सिंह भिंडरावाला थे, जिन्होंने स्वर्ण मंदिर को खालिस्तानी आतंकियों का अड्डा बना लिया था। इंदिरा गांधी ने इस आंदोलन को कुचलने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार का आदेश दिया, जिसमें भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर में घुसकर आतंकियों को मार गिराया। इस ऑपरेशन में मंदिर को काफी नुकसान हुआ और इसे लेकर सिख समुदाय में भारी आक्रोश था। इस घटना का परिणाम यह हुआ कि इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई।
पोखरण परमाणु परीक्षण
इंदिरा गांधी के समय में भारत ने 1974 में पोखरण में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया, जिसे 'Smiling Buddha' कहा गया। इस परीक्षण ने भारत को परमाणु शक्ति बना दिया और उसकी सैन्य क्षमता को दुनिया भर में स्थापित किया।
आपातकाल: लोकतंत्र पर हमला
1975 में इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया, जिसे भारतीय लोकतंत्र पर एक बड़ा प्रहार माना गया। आपातकाल के दौरान नागरिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया और विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया। हालांकि, इस निर्णय की आज भी आलोचना की जाती है, लेकिन इसे इंदिरा गांधी के नेतृत्व की ताकत के रूप में देखा जाता है।
इंदिरा गांधी की हत्या
इंदिरा गांधी की 1984 में उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई। यह घटना ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के कारण हुई। 31 अक्टूबर 1984 को जब इंदिरा गांधी अपने कार्यालय जा रही थीं, तो उनके ही अंगरक्षकों ने उन्हें गोली मार दी। उनकी हत्या के बाद देश भर में सिख विरोधी दंगे हुए, और यह घटना भारतीय राजनीति और समाज में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हो गई।
इंदिरा गांधी का जीवन साहसिक फैसलों, संघर्षों और ऐतिहासिक घटनाओं से भरा हुआ था। उन्होंने भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनका योगदान भारतीय राजनीति और समाज में हमेशा याद किया जाएगा, और उन्हें 'आयरन लेडी' के रूप में सम्मानित किया जाएगा।