Edited By Parminder Kaur,Updated: 05 Dec, 2024 02:41 PM
इंदौर जिले के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षक और कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से दर्ज की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य स्कूलों में मनमर्जी से आने-जाने की प्रथा को खत्म करना है। कुछ महीने पहले कलेक्टर आशीष सिंह ने कलेक्टर कार्यालय में...
नेशनल डेस्क. इंदौर जिले के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षक और कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से दर्ज की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य स्कूलों में मनमर्जी से आने-जाने की प्रथा को खत्म करना है। कुछ महीने पहले कलेक्टर आशीष सिंह ने कलेक्टर कार्यालय में बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया था और इंदौर जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में भी इसे लागू करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, शिक्षा विभाग में इसका पालन नहीं हुआ। इस पर दो दिन पहले जिला पंचायत कार्यालय में एक बैठक हुई, जिसमें सीईओ सिद्धार्थ जैन ने सरकारी स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगाने के निर्देश दिए।
अब रजिस्टर की बजाय बायोमेट्रिक मशीन होगी
अभी तक इंदौर जिले के अधिकतर सरकारी स्कूलों में रजिस्टर पर उपस्थिति दर्ज की जाती थी। कई बार शिक्षक अपनी मर्जी से स्कूल आते और जाते थे, जिससे स्कूलों की कार्यप्रणाली पर असर पड़ता था। अब इसे खत्म करने के लिए बायोमेट्रिक मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
महीने के अंत तक काम होगा पूरा
सीईओ सिद्धार्थ जैन ने बताया कि इंदौर जिले के सभी सरकारी स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें इस माह के अंत तक लगाई जाएंगी। इन मशीनों के जरिए अब शिक्षक और कर्मचारी अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे और महीने के अंत में उसी आधार पर वेतन जारी होगा।
1037 स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी
इंदौर जिले में कुल 1037 स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी। इनमें से कुछ स्कूलों में पंचायत भवन के पास और बाकी स्कूल परिसरों में मशीनें लगाई जाएंगी। इंदौर शहरी क्षेत्र में 182 स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगाई जाएगी। इंदौर ग्रामीण क्षेत्र में 230 स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगेगी। महू में 186 सांवेर में 239 और देपालपुर में 200 स्कूलों में भी बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी।