Edited By Anu Malhotra,Updated: 30 Dec, 2024 08:29 AM
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देश में बढ़ती महंगाई के बीच 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले वित्त वर्ष 2025-26 के बजट से लोगों को राहत की उम्मीद है। प्रमुख उद्योग संगठन CII (कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) ने सरकार को सुझाव दिया है कि पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाई जाए और...
नेशनल डेस्क: देश में बढ़ती महंगाई के बीच 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले वित्त वर्ष 2025-26 के बजट से लोगों को राहत की उम्मीद है। प्रमुख उद्योग संगठन CII (कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) ने सरकार को सुझाव दिया है कि पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाई जाए और टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स में राहत दी जाए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद है कि वह खपत और मांग को बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाएंगी। भारत के सबसे बड़े बिजनेस चैंबर, सीआईआई (CII), ने सरकार को कई सुझाव दिए हैं, जिनका उद्देश्य घरेलू खपत को बढ़ावा देना है।
पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने का आग्रह
सीआईआई ने बजट 2025-26 के लिए वित्त मंत्री को सुझाव दिया है कि पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की जाए। संगठन का मानना है कि इससे ईंधन की कीमतों में कमी आएगी, जिससे महंगाई पर लगाम लगेगी और आम लोगों के खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
ईंधन की ऊंची कीमतें और महंगाई: सीआईआई के मुताबिक, पेट्रोल और डीजल के बढ़े दाम महंगाई को बढ़ावा दे रहे हैं।
क्रूड ऑयल की गिरती कीमतों का फायदा नहीं: मई 2022 के बाद से वैश्विक क्रूड ऑयल की कीमतों में 40% तक की कमी आई है, लेकिन इसका फायदा उपभोक्ताओं को नहीं मिला।
टैक्स का बड़ा हिस्सा: पेट्रोल की कीमत में 21% और डीजल में 18% हिस्सेदारी एक्साइज ड्यूटी की है।
टैक्सपेयर्स को राहत देने की मांग
सीआईआई ने आम करदाताओं के लिए टैक्स रेट घटाने का सुझाव दिया है। संगठन ने कहा है कि व्यक्तिगत करदाताओं और कॉरपोरेट टैक्स रेट्स के बीच बड़े अंतर को कम किया जाना चाहिए।
इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव: सीआईआई ने 20 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वालों के लिए इनकम टैक्स रेट कम करने का सुझाव दिया है।
टैक्स रेट का बड़ा अंतर: व्यक्तिगत करदाताओं के लिए अधिकतम टैक्स रेट 42.74% है, जबकि कॉरपोरेट टैक्स रेट 25.17% है।
मांग और खपत बढ़ाने का प्रभाव: टैक्स में कटौती से न केवल खपत बढ़ेगी बल्कि इकोनॉमिक ग्रोथ और टैक्स रेवेन्यू में भी सुधार होगा।
महंगाई से खपत पर प्रभाव
सीआईआई के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि घरेलू खपत भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए जरूरी है। महंगाई के कारण लोगों की पर्चेजिंग पावर घटी है, जिससे बाजार में मांग कम हुई है।
उद्योग जगत की उम्मीदें
बजट 2025 से उद्योग जगत को बड़ी राहत की उम्मीद है। मांग और खपत बढ़ाने के लिए पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम करना, इनकम टैक्स में राहत देना और महंगाई पर नियंत्रण जैसे कदम आर्थिक सुधारों में अहम साबित हो सकते हैं।