Edited By Rohini Oberoi,Updated: 28 Jan, 2025 11:55 AM
इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के पूर्व निदेशक बालाराम समेत 16 अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगे हैं। इन पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह मामला सिटी...
नेशनल डेस्क। इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के पूर्व निदेशक बालाराम समेत 16 अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगे हैं। इन पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह मामला सिटी सिविल और सेशन कोर्ट के निर्देशों पर सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ है।
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शिकायत भारतीय विज्ञान संस्थान के एक फैकल्टी सदस्य दुर्गप्पा बौवी ने की है जो जनजाति समुदाय से आते हैं। दुर्गप्पा का आरोप है कि 2014 में उन्हें एक झूठे हनी ट्रैप मामले में फंसाया गया और बाद में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। इसके साथ ही उन्हें जातिसूचक गालियां और धमकियां भी दी गईं।
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इस मामले में अन्य आरोपियों में गोविंदन रंगराजन, श्रीधर वारियर, संध्या विश्वेश्वरैया, हरी केवीएस, दासप्पा, हेमलता मिषी, चट्टोपाध्याय के, प्रदीप डी सावकर और मनोहरन जैसे लोग शामिल हैं।
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बता दें कि क्रिस गोपालकृष्णन जिन्होंने इंफोसिस की स्थापना नारायण मूर्ति के साथ मिलकर 1981 में की थी इस मामले में आरोपित हैं। गोपालकृष्णन इंफोसिस के CEO और MD के तौर पर 2007 से 2011 तक कार्यरत रहे थे। बाद में उन्होंने कंपनी से सेवानिवृत्ति के बाद कई स्टार्टअप्स में निवेश किया।
उन्हें भारत सरकार ने 2011 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। उनकी कुल संपत्ति ₹38,500 करोड़ के करीब मानी जाती है।