40 साल पुराने केस में SC का बड़ा फैसला- रे’प का आरोप साबित करने के लिए प्राइवेट पार्ट पर चोट ज़रुरी नहीं

Edited By Radhika,Updated: 10 Mar, 2025 12:07 PM

injury on private part is not necessary to prove rape allegation sc

सुप्रीम कोर्ट ने 40 साल से ज़्यादा पुराने यौन उत्पीड़न के मामले में अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि अदालतें अभियोगी के गुप्तांगों पर चोट न होने पर भी केस दर्ज कर सकती हैं। बाकी सबूत बलात्कार की पुष्टि करते हैं।

नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने 40 साल से ज़्यादा पुराने यौन उत्पीड़न के मामले में अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि अदालतें अभियोगी के गुप्तांगों पर चोट न होने पर भी केस दर्ज कर सकती हैं। बाकी सबूत बलात्कार की पुष्टि करते हैं। इस  मामले में आरोपी का कहना है कि लड़की के गुप्तांगों पर कोई चोट नहीं लगी, इसलिए उस पर लगे बलात्कार के आरोप साबित नहीं हो सकते।

SC ने खारिज की दलीलें-

SC ने दोनों दलीलों को खारिज करते हुए जस्टिस संदीप मेहता और प्रसन्ना बी वराले की पीठ ने कहा, “केवल इसलिए कि मेडिकल साक्ष्य में कोई बड़ी चोट के निशान नहीं हैं, यह अभियोक्ता के अन्यथा विश्वसनीय साक्ष्य को खारिज करने का कारण नहीं हो सकता।” फैसला लिखते हुए न्यायमूर्ति वराले ने कहा, “यह जरूरी नहीं है कि बलात्कार के हर मामले में पीड़िता के गुप्तांगों पर चोट हो और यह किसी विशेष मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है। हम दोहराते हैं कि पीड़िता के गुप्तांगों पर चोट न होना हमेशा अभियोजन पक्ष के मामले के लिए घातक नहीं होता।”

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कोर्ट ने दी ये प्रतिक्रिया-

कोर्ट ने कहा कि रेप के मामलों में पीड़िता का बयान बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर पीड़ित की गवाही सही लगती है, तो उस पर दोषी ठहराया जा सकता है। कोर्ट ने आरोपी द्वारा पीड़िता की मां के चरित्र पर लगाए गए आरोपों पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इन आरोपों का मामले से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए इनकी सत्यता की जांच करने की जरूरत नहीं है।

 “हमें इस तर्क को स्वीकार करने का कोई कारण नहीं मिलता कि अभियोक्ता की मां के कथित अनैतिक चरित्र का आरोपी को मनगढ़ंत कहानी के आधार पर झूठा फंसाने से कोई संबंध है।” पीठ ने कहा, "अभियोक्ता के बलात्कार के लिए अभियुक्त की सजा का सवाल स्वतंत्र और अलग है। इसका अभियोक्ता की माँ के चरित्र से कोई संबंध नहीं है और ऐसा लगता है कि अभियोक्ता की गवाही को बदनाम करने के लिए इसे लाइसेंस के रूप में इस्तेमाल करने का एक भयानक प्रयास है। हमें इन दलीलों में कोई दम नहीं दिखता।"

 

 

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