लालटेन में पढ़ने वाले गगन आनंद की प्रेरणादायक कहानी, आइसक्रीम बेचकर बने करोड़पति

Edited By Parminder Kaur,Updated: 02 Dec, 2024 03:18 PM

inspiring story of gagan anand who used to study under a lantern

गगन आनंद की कहानी एक प्रेरणा है, जो यह दिखाती है कि कठिनाईयों के बावजूद अगर विश्वास और साहस हो, तो सफलता जरूर मिलती है। उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और आज वह एक सफल बिजनेस के मालिक हैं। उनका जीवन इस बात का...

नेशनल डेस्क. गगन आनंद की कहानी एक प्रेरणा है, जो यह दिखाती है कि कठिनाईयों के बावजूद अगर विश्वास और साहस हो, तो सफलता जरूर मिलती है। उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और आज वह एक सफल बिजनेस के मालिक हैं। उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि कोई भी अगर पूरी मेहनत और आत्मविश्वास से काम करता है तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।

बचपन में संघर्ष

गगन आनंद का जन्म झारखंड (तब बिहार) के नक्सल प्रभावित इलाके में हुआ था, जहां बिजली की आपूर्ति हमेशा नहीं होती थी। गगन को बचपन में लालटेन की रोशनी में पढ़ाई करनी पड़ती थी। उनके पिता सरकारी नौकरी में थे, लेकिन नक्सलियों से लगातार धमकियों के कारण उन्हें गगन को पटना भेज दिया गया। हालांकि, गगन एक साल में ही घर वापस आ गए। उनके पिता की सेवानिवृत्ति के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति डगमगा गई, लेकिन गगन ने हार नहीं मानी।

फिल्म अभिनेता बनने का सपना

गगन का सपना था कि वह एक फिल्म अभिनेता बनें, लेकिन घर की आर्थिक हालत को देखते हुए उन्होंने अपना सपना थोड़ी देर के लिए छोड़ दिया और दिल्ली की ओर रुख किया। उनके पास मात्र 1,200 रुपए थे, लेकिन उन्होंने ठान लिया कि किसी भी हाल में वे सफलता हासिल करेंगे।

दिल्ली में संघर्ष

दिल्ली आने के बाद गगन ने देखा कि फिल्म इंडस्ट्री में सफलता पाना आसान नहीं था। इसलिए उन्होंने कनॉट प्लेस स्थित पिज्जा हट में पिज्जा बॉय के रूप में नौकरी शुरू की। उन्हें महीने के केवल 2,500 रुपये मिलते थे, लेकिन इस पैसे से वह दिल्ली में मुश्किल से गुजर-बसर करते थे। इस दौरान उन्होंने ओपन यूनिवर्सिटी से अपनी स्नातक की डिग्री भी पूरी की। अपनी मेहनत और समर्पण के कारण वह जल्द ही कंपनी के सबसे कम उम्र के जनरल मैनेजर (GM) बन गए। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।

कठिनाइयों को अवसर में बदलना

2012 में गगन की तबियत खराब हो गई और उन्हें भारत वापस आना पड़ा। यहां उन्होंने रसना कंपनी में भी काम किया और वहां के डरसन बज को खड़ा करने में अपनी अहम भूमिका निभाई। फिर 2020 में आई कोरोना महामारी के दौरान पूरे देश में लॉकडाउन लग गया और सभी बिजनेस प्रभावित हो गए। इस दौरान गगन को आइसक्रीम का बहुत शौक था और उन्होंने इसे एक बिजनेस बनाने का फैसला किया। उन्होंने स्कूजो आइस-ओ-मैजिक नाम से एक डेजर्ट कैफे की शुरुआत की। हालांकि इस दौरान उन्हें कई आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने उन सभी मुश्किलों को अवसर में बदलने का फैसला किया। आज उनकी कंपनी एक सफल आइसक्रीम ब्रांड बन चुकी है, जो विभिन्न प्रकार की आइसक्रीम बनाती है और युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय है।

युवाओं के लिए प्रेरणा

गगन की कहानी युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है। उनका जीवन यह साबित करता है कि संघर्ष और मेहनत से किसी भी मंजिल को हासिल किया जा सकता है। गगन हमेशा कहते हैं:

"गरीबी में जन्म लेना आपकी किस्मत है, लेकिन गरीबी में मर जाना आपका कर्म है।"

"अगर आप उड़ नहीं सकते तो दौड़िए, दौड़ नहीं सकते तो चलिए, अगर चल नहीं सकते तो रेंगते हुए ही आगे बढ़ते रहिए।"

"सही समय का इंतजार कभी मत करें, जब आप शुरुआत करेंगे, वही समय सबसे अच्छा होगा।"

"अगर आप पूरी क्षमता से प्रयास करते रहें, तो सफलता एक दिन आपके कदमों में होगी।" 

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