Income Tax: हनीमून की बजाय नवविवाहितों को टैक्स विभाग के दफ्तर का करना पड़ सकता है रुख!

Edited By Mahima,Updated: 20 Dec, 2024 11:23 AM

instead of honeymoon newlyweds may have to visit the tax department office

देशभर में भव्य शादियों में बेहिसाब खर्चों पर आयकर विभाग ने छापेमारी शुरू की है। जयपुर के वेडिंग प्लानर्स पर हुई जांच में 7500 करोड़ रुपये का बेहिसाब कैश खर्च का पता चला है। डेस्टिनेशन वेडिंग्स, हवाला नेटवर्क, और फर्जी बिलों के जरिए यह खर्च किया गया।...

नेशनल डेस्क: 2024 का शादी सीजन खत्म हो चुका है, लेकिन अब नवविवाहित जोड़ों के लिए हनीमून पर जाने से पहले एक नई परेशानी खड़ी हो गई है। जिन शादियों में सितारे शामिल हुए और जिनमें करोड़ों रुपये खर्च किए गए, वे अब आयकर विभाग के रडार पर हैं। पिछले कुछ महीनों में देशभर में कई भव्य शादियां हुईं, जिनमें लाखों से लेकर करोड़ों रुपये तक की बेहिसाब रकम खर्च की गई, और अब इन खर्चों की जांच शुरू हो चुकी है। ये शादियां खासकर उन हाई प्रोफाइल परिवारों की थीं, जिन्होंने बॉलीवुड सेलेब्रिटीज और बड़े व्यवसायियों को इनवाइट किया था, और ये शादियां अपने भव्यता के कारण खास सुर्खियों में थीं।

7500 करोड़ रुपये का बेहिसाब खर्च
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग ने जयपुर के 20 प्रमुख वेडिंग प्लानर्स के दफ्तरों पर छापेमारी की है। विभाग का मानना है कि इन शादियों में पिछले एक साल में करीब 7500 करोड़ रुपये की बेहिसाब नगद राशि खर्च की गई है, जो किसी भी तरीके से टैक्स विभाग के पास रिपोर्ट नहीं की गई। आयकर विभाग ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए इस पर विस्तृत जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि यह रकम बड़े पैमाने पर हवाला नेटवर्क, फर्जी बिल ऑपरेटर्स और म्यूल अकाउंट्स के जरिए सफेद की जा रही थी। इन रकमों का कोई हिसाब किताब नहीं था, और विभाग को संदेह है कि यह पैसा टैक्स चोरी करने के उद्देश्य से खर्च किया गया था।

डेस्टिनेशन वेडिंग्स भी जांच के दायरे में
इनकम टैक्स विभाग की जांच अब सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में होने वाली डेस्टिनेशन वेडिंग्स तक पहुंच चुकी है। यह वेडिंग्स वे होती हैं, जो विदेशों के खूबसूरत स्थलों पर आयोजित की जाती हैं, और इनमें भाग लेने के लिए अमीर और प्रभावशाली लोग चार्टर्ड फ्लाइट्स का इस्तेमाल करते हैं। इन शादियों के आयोजन में बड़ी मात्रा में कैश ट्रांजैक्शन होते हैं, जिन्हें अभी तक सही तरीके से रिपोर्ट नहीं किया गया। इस प्रकार की वेडिंग्स में अक्सर शाही होटल्स, निजी जेट्स और खास क्रूजेस का इस्तेमाल किया जाता है, जो खर्चों को और भी बढ़ा देता है। आयकर विभाग ने इन खर्चों के हिसाब से गेस्ट लिस्ट और फ्लाइट बुकिंग्स की जांच शुरू कर दी है।

वेडिंग प्लानर्स पर जांच
आयकर विभाग ने वेडिंग प्लानर्स के खिलाफ एक गंभीर अभियान चलाया है। अधिकारियों के अनुसार, ये प्लानर्स न केवल शादियों का आयोजन करते थे, बल्कि वे बड़े पैमाने पर कैश लेन-देन भी करते थे। जयपुर के प्रमुख वेडिंग प्लानर्स का कहना है कि वे देश भर के अमीर क्लाइंट्स से संपर्क करते थे, जो फिर राजस्थान के विभिन्न शहरों में स्थित लग्जरी होटल्स, टेंट हाउस, कैटरिंग सर्विसेज और फ्लोरिस्ट के साथ मिलकर अपनी शादियों की योजना तैयार करते थे। इन शादियों में ना केवल बड़े बजट होते थे, बल्कि इनके आयोजन में कई बार बॉलीवुड सितारे और बड़े नाम भी शामिल होते थे, जो आयोजन को और भी भव्य बना देते थे। इन जांचों से यह भी पता चला है कि इन शादियों का आयोजन करते वक्त कई अनियमितताएं की जाती थीं। उदाहरण के तौर पर, विवाह आयोजकों ने कैश में भुगतान लिया और फिर उसे फर्जी बिलों और म्यूल अकाउंट्स के जरिए सफेद किया। इसके अलावा, बड़े फ्लाइट्स और होटल्स का खर्च भी ठीक से नहीं दिखाया गया, जिससे टैक्स विभाग को यह संदेह हुआ कि इसमें कर चोरी की संभावना है। 

आयकर विभाग की कार्रवाई
आयकर विभाग ने अब तक जो जांच की है, उसमें यह सामने आया है कि इन शादियों के आयोजन में कई बार बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की गई थी। विभाग ने उन कैटरिंग फर्म्स और अन्य सेवा प्रदाताओं से भी जानकारी ली है जो इन शादियों में शामिल थे। इन आयोजनों के लिए किए गए खर्चों का हिसाब अब विभाग के पास है, और आगे आने वाले दिनों में इस मामले में और ज्यादा जानकारी सामने आ सकती है। विभाग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इन बड़े आयोजनों में हुए खर्च को सही तरीके से रिकॉर्ड किया जाए और किसी भी प्रकार के टैक्स चोरी का पता लगाया जा सके।

गोरखधंधे का पर्दाफाश
टैक्स विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इन शादियों में कई प्रकार के गोरखधंधे चल रहे थे। ये बड़े आयोजक, जिनमें खासकर जयपुर और आसपास के क्षेत्रों के लोग शामिल थे, अपनी शादियों में बड़े पैमाने पर खर्च करते थे, और इन खर्चों को सही तरीके से रिकॉर्ड नहीं करते थे। इस प्रक्रिया में अक्सर हवाला नेटवर्क और फर्जी बिल ऑपरेटर्स का भी हाथ होता था, जो इन पैसों को सफेद करने में मदद करते थे। इस तरह से, ये शादियां महज एक भव्य आयोजन नहीं थीं, बल्कि एक बड़े पैमाने पर हो रहे टैक्स चोरी के कारोबार का हिस्सा थीं।

जांच की संभावना
आयकर विभाग ने अब तक जिन बिंदुओं पर जांच की है, उनसे यह साफ है कि इस मामले में कई बड़े नाम भी शामिल हो सकते हैं। यह देखना अब दिलचस्प होगा कि विभाग किस हद तक इन शादियों में हुए बेहिसाब खर्चों का पर्दाफाश कर पाता है और इस पूरे नेटवर्क को बेनकाब कर पाता है। विभाग के अधिकारी इस बात से पूरी तरह आश्वस्त हैं कि इन शादियों में हुए खर्चों के जरिए बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की गई है और इसे अब पूरी तरह से उजागर किया जाएगा।

भविष्य में क्या होगा?
आयकर विभाग की यह कार्रवाई सिर्फ एक शुरुआत है। भविष्य में विभाग और कड़े कदम उठा सकता है, ताकि इस तरह की शादियों में हुए बेहिसाब खर्चों का पूरा हिसाब लिया जा सके। इसके साथ ही विभाग की योजना है कि वे आने वाले समय में और भी कई और मामलों की जांच करें, जहां पर टैक्स चोरी के संकेत मिल रहे हैं। 

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