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FDI limit: बीमा क्षेत्र को लेकर एक बड़ा ऐलान... अब इंश्योरेंस खरीदना होगा आसान

Edited By Anu Malhotra,Updated: 01 Feb, 2025 12:34 PM

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त्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में बीमा क्षेत्र को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने बीमा क्षेत्र में 100% विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की अनुमति देने की घोषणा की।

नेशनल डेस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपने बजट भाषण में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने की घोषणा की, हालांकि यह कुछ शर्तों के साथ लागू होगा। उन्होंने कहा, "बीमा क्षेत्र में FDI सीमा 74% से बढ़ाकर 100% की जाएगी। यह बढ़ी हुई सीमा उन कंपनियों के लिए उपलब्ध होगी जो अपने संपूर्ण प्रीमियम का निवेश भारत में करेंगी। विदेशी निवेश से जुड़ी मौजूदा शर्तों और नियमों की समीक्षा कर उन्हें सरल बनाया जाएगा।"

इससे पहले, नवंबर में केंद्र सरकार ने बीमा क्षेत्र में सुधारों से जुड़े कुछ प्रस्ताव जारी किए थे, जिनमें एफडीआई सीमा बढ़ाने और बीमा कंपनियों को एक से अधिक प्रकार के बीमा व्यवसाय और संबंधित गतिविधियों को संचालित करने की अनुमति देने का सुझाव दिया गया था।

सरकार ने बीमा अधिनियम, 1938, भारतीय जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956, और बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999 में प्रस्तावित संशोधनों पर जनता से सुझाव भी मांगे थे।

Insurance for all लक्ष्य को मिलेगा बढ़ावा

बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने "2047 तक सभी के लिए बीमा" का लक्ष्य रखा है। भारत में अब भी बड़ी संख्या में लोग और संपत्तियां बीमा सुरक्षा से बाहर हैं, जिससे स्वास्थ्य और अन्य आपात स्थितियों में लोगों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ता है। इस कारण सार्वजनिक वित्त पर भी दबाव बढ़ता है। एफडीआई सीमा बढ़ाने से बीमा क्षेत्र में विदेशी पूंजी प्रवाह बढ़ेगा, जिससे इस लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।

आर्थिक सर्वेक्षण और बजट के अन्य प्रमुख बिंदु

संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान सरकार की राजकोषीय नीतियां, कर सुधार, राजस्व और व्यय प्रस्तावों सहित कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश यह आठवां बजट है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान है।

इसके अलावा, आर्थिक सर्वेक्षण में सुझाव दिया गया कि "विकसित भारत" (Viksit Bharat) के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत को लगातार 8% की विकास दर बनाए रखने की आवश्यकता होगी।" हालांकि, चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों में विकास दर अपेक्षाकृत धीमी रही है।

एफडीआई सीमा बढ़ाने का यह कदम बीमा क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करेगा और भारत के दीर्घकालिक आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक साबित हो सकता है।

 

 

 

 

 

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