Edited By Anu Malhotra,Updated: 14 Nov, 2024 11:43 AM
भारत में इंटरनेट सेवा क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी, क्योंकि अब Elon Musk की Starlink भारतीय बाजार में प्रवेश करने जा रही है। यहां पर Reliance Jio और Bharti Airtel जैसे प्रमुख खिलाड़ी पहले से ही 5G नेटवर्क और Fixed Wireless Access...
नेशनल डेस्क: भारत में इंटरनेट सेवा क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी, क्योंकि अब Elon Musk की Starlink भारतीय बाजार में प्रवेश करने जा रही है। यहां पर Reliance Jio और Bharti Airtel जैसे प्रमुख खिलाड़ी पहले से ही 5G नेटवर्क और Fixed Wireless Access (FWA) सेवाओं में भारी निवेश कर चुके हैं। Starlink की एंट्री से ऐसे दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की पहुंच बढ़ सकती है, जहां अभी तक सेवा उपलब्ध नहीं है।
Starlink का भारतीय नियमों से जुड़ाव
Starlink ने भारतीय सरकार के डेटा स्टोरेज और सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन करने का वादा किया है, जो सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा के लाइसेंस को पाने में मददगार हो सकता है। हालांकि, इसे अभी तक आधिकारिक तौर पर अपने प्रस्ताव को सबमिट करना बाकी है।
भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के बीच मुकाबला
भारत में वर्तमान में Reliance Jio और Bharti Airtel जैसे ब्रॉडबैंड प्रदाताओं को स्पेक्ट्रम अधिकारों के लिए प्रतिस्पर्धी नीलामी प्रक्रिया में भाग लेना पड़ता है। दूसरी ओर, अगर Starlink को स्पेक्ट्रम आवंटन प्रशासनिक माध्यम से मिलता है, तो इसे बहुत कम लागत में स्पेक्ट्रम अधिकार प्राप्त होंगे। इस प्रकार, Starlink को भारतीय कंपनियों की तुलना में सस्ती दरों पर इंटरनेट सेवाएं देने का मौका मिल सकता है।
Starlink, Jio, और Airtel की तुलना
स्पेक्ट्रम आवंटन बनाम नीलामी: भारतीय टेलीकॉम कंपनियों को नीलामी में ऊंची रकम चुकानी पड़ती है, जबकि Starlink को स्पेक्ट्रम आवंटन प्रशासनिक मार्ग से मिलेगा, जिससे यह सस्ता हो सकता है।
ग्राहकों तक पहुंच: Starlink का उपग्रह-आधारित इंटरनेट उन दुर्गम क्षेत्रों में भी उपलब्ध हो सकता है जहां टेरेस्ट्रियल नेटवर्क नहीं पहुंचता, जिससे यह Jio और Airtel की ग्राहक संख्या को प्रभावित कर सकता है।
सेवा की संभावित लागत
Starlink की भारतीय सेवा का पहला साल लगभग ₹1,58,000 और दूसरे साल लगभग ₹1,15,000 का खर्च आ सकता है, जिसमें टैक्स शामिल है। इसमें ₹37,400 का उपकरण शुल्क और हर महीने का ₹7,425 सेवा शुल्क होगा।
Jio और Airtel क्या करेंगे दरों में कटौती?
Starlink की सस्ती और हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा की संभावना से भारतीय कंपनियों को अपने ग्राहक बनाए रखने के लिए दरों में कटौती करनी पड़ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि Airtel और Jio अपने टैरिफ को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए इस कदम पर विचार कर सकते हैं ताकि ग्राहकों का ध्यान Starlink की ओर न जाए।