Edited By Monika Jamwal,Updated: 28 Aug, 2018 07:11 PM
इरम हबीब। यह नाम जल्द ही आसमान की ऊंचाईयों पर अपने आपको साबित करने वाला है। 30 वर्ष की इरम लोगों को हवाई सफर कराएगी।
श्रीनगर: इरम हबीब। यह नाम जल्द ही आसमान की ऊंचाईयों पर अपने आपको साबित करने वाला है। 30 वर्ष की इरम लोगों को हवाई सफर कराएगी। उड्डयन क्षेत्र को अपना करियर चुनने वाली इस कश्मीरी युवती के सफर की कहानी आसान नहीं है। पारिवारिक विरोध और बाधाओं के बाद भी अपने सपने को साकार करने के लिए इरम को काफी मेहनत करनी पड़ी।
12वीं कक्षा के बाद जब इरम हबीब ने अपने परिवार को उड्डयन क्षेत्र में जाने के बारे में बताया तो उसे काफी विरोध का सामना करना पड़ा। इरम से कहा गया कि वो कश्मीरी है और कश्मीरी लड़कियां पायलट बनने के सपने नहीं देखती हैं। अपने सपने को साकार करवाने के लिए इरम को पूरे छ वर्ष का समय लगा। फारेस्टरी की पढ़ाई करने के बाद भी अपने सपनों को जिन्दा रखा और आज पायलट बन पूरे राज्य का नाम रोशन कर रही है।
परिवार का नहीं मिल रहा था सहयोग
इरम अपने सपने को अमली जामा पहनाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही थी पर परिवार खहता था कि वो पीएचडी की पढ़ाई करके सरकारी नौकरी करे। इरम ने ऐसा किया भी। डेढ वर्ष पीएचडी को भी दिये पर बीच में ही इसे छोडक़र यूएस फ्लाइट स्कूल ज्वाइन कर लिया। बस फिर दबे हुये सपने उड़ान भरने लगे।
भारत के लिए भरना चाहती है उड़ान
इरम कहती हैं कि 2016 में उन्होंने यूएस के मियामी में ट्रेनिंग ली और कर्मिश्यल पायलट का लाइसेंस लेने के लिए भारत लौट आईं पर उनकी यात्रा आसान नहीं थी। जहां पिता सहयोग दे रहे थे वहीं रिश्तेदार हौसले पस्त करने में लगे थे। 260 घंटे का फ्लाइंग अनुभव होने के बाद भी काम नहीं मिल रहा था। यूएस और कनाडा में तो लाइसेंस मिल गया पर सपना भारत का था। अब अगले महीने इंडिगो में बतौर फ्लादंग अफिसर इरम लोगों को हवाई सफर करवाएंगी।