Edited By Parminder Kaur,Updated: 22 Dec, 2024 10:47 AM
भारत अपने घने जंगलों को खो रहा है, लेकिन देश में पेड़ों की संख्या बढ़ रही है। भारत के कुल वन क्षेत्र में पेड़ लगे हुए हैं, जो 112014 वर्ग किलोमीटर तक फैले हुए हैं। हालांकि, पिछले दो सालों में 3656 वर्ग किलोमीटर घने जंगलों का नुकसान हुआ है। पर्यावरण...
नेशनल डेस्क. भारत अपने घने जंगलों को खो रहा है, लेकिन देश में पेड़ों की संख्या बढ़ रही है। भारत के कुल वन क्षेत्र में पेड़ लगे हुए हैं, जो 112014 वर्ग किलोमीटर तक फैले हुए हैं। हालांकि, पिछले दो सालों में 3656 वर्ग किलोमीटर घने जंगलों का नुकसान हुआ है। पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार को देहरादून में द्विवार्षिक "भारत वन स्थिति रिपोर्ट (ISFR 2023)" जारी की। इस रिपोर्ट में यह बताया गया कि साल 2021 से 2023 के बीच भारत में कुल वन क्षेत्र में 156 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है, जबकि पेड़ों की संख्या में 1289 वर्ग किलोमीटर का इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कुल वन क्षेत्र और पेड़ों की संख्या में 1445 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है, जो एक सकारात्मक खबर है। हालांकि, इस दौरान 3656 वर्ग किलोमीटर घने जंगलों का नुकसान भी हुआ। मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस वृद्धि पर खुशी जाहिर की और कहा कि यह पर्यावरण के लिए अच्छी खबर है, लेकिन घने जंगलों का नुकसान चिंता का विषय है।
किस राज्य में कितना फायदा और कितना नुकसान?
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कुछ राज्यों में वन क्षेत्र और पेड़ों की संख्या में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है। इनमें प्रमुख राज्य हैं:
छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किलोमीटर)
उत्तर प्रदेश (559 वर्ग किलोमीटर)
ओडिशा (559 वर्ग किलोमीटर)
राजस्थान (394 वर्ग किलोमीटर)
वहीं कुछ राज्यों में वन क्षेत्र और पेड़ों की संख्या में नुकसान हुआ है। इनमें प्रमुख राज्य हैं:
मध्य प्रदेश (612.41 वर्ग किलोमीटर)
कर्नाटक (459.36 वर्ग किलोमीटर)
लद्दाख (159.26 वर्ग किलोमीटर)
नागालैंड (125.22 वर्ग किलोमीटर)
वन क्षेत्र में वृद्धि की बात करें तो मिजोरम (242 वर्ग किलोमीटर), गुजरात (180 वर्ग किलोमीटर) और ओडिशा (152 वर्ग किलोमीटर) में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई। 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेड़ों की संख्या में वृद्धि हुई है। इन राज्यों में छत्तीसगढ़ (702.75 वर्ग किलोमीटर), राजस्थान (478.26 वर्ग किलोमीटर) और उत्तर प्रदेश (440.76 वर्ग किलोमीटर) शीर्ष पर हैं।
मैंग्रोव वनों का नुकसान
ISFR रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2021 से 2023 के बीच कुल 3656 वर्ग किलोमीटर घने जंगलों का नुकसान हुआ है। हालांकि, 895 वर्ग किलोमीटर गैर-वन क्षेत्रों को घने जंगलों में बदलने से कुछ भरपाई हुई। इसके अलावा भारत के मैंग्रोव जंगलों का क्षेत्रफल 7.43 वर्ग किलोमीटर घट गया है। गुजरात में सबसे ज्यादा 36.39 वर्ग किलोमीटर का नुकसान हुआ है, जबकि आंध्र प्रदेश (13.01 वर्ग किलोमीटर) और महाराष्ट्र (12.39 वर्ग किलोमीटर) में मैंग्रोव वनों का क्षेत्र बढ़ा है। इस रिपोर्ट से यह साफ है कि भारत में जंगलों और पेड़ों की संख्या में वृद्धि हो रही है, लेकिन घने जंगलों का नुकसान चिंता का विषय है। इन आंकड़ों से यह भी जाहिर होता है कि कुछ राज्यों में पेड़ों और वन क्षेत्र की रक्षा के लिए अधिक प्रयास किए गए हैं, जबकि अन्य राज्यों में वन क्षेत्र में कमी आई है।