Edited By Mahima,Updated: 31 Mar, 2025 03:37 PM

2025 के ग्लोबल सेफ्टी इंडेक्स में पाकिस्तान ने भारत को एक अंक से पीछे छोड़ते हुए 65वां स्थान प्राप्त किया है। अंडोरा सबसे सुरक्षित देश है, जबकि अमेरिका 89वें स्थान पर है। यह रैंकिंग देशों की सुरक्षा व्यवस्था और नागरिकों के अनुभवों पर आधारित है। भारत...
नेशनल डेस्क: 2025 के ग्लोबल सेफ्टी इंडेक्स ने दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों की नई लिस्ट जारी की है, और इसमें कुछ चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। इस रैंकिंग में पाकिस्तान ने भारत को एक अंक से पीछे छोड़ते हुए बेहतर स्थान प्राप्त किया है, जो सुरक्षा के मामले में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। इसके अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन और चीन जैसे बड़े देशों ने अपेक्षाकृत कम रैंकिंग पाई है। इस रिपोर्ट में हम यह जानेंगे कि किस देश ने कितनी रेटिंग प्राप्त की और इन आंकड़ों के पीछे क्या कारण हो सकते हैं।
पाकिस्तान और भारत की सुरक्षा रैंकिंग में अंतर
न्यूम्बियो द्वारा जारी किए गए 2025 के ग्लोबल सेफ्टी इंडेक्स में पाकिस्तान ने 65वां स्थान प्राप्त किया है, जबकि भारत 66वें स्थान पर है। हालांकि यह अंतर बहुत छोटा है, लेकिन यह दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है कि सुरक्षा के मामलों में पाकिस्तान अब भारत से बेहतर स्थिति में है। इस सूची में पाकिस्तान का 65वां स्थान एक सकारात्मक संकेत हो सकता है, जो सुरक्षा की दिशा में सुधार की ओर इशारा करता है। हालांकि, यह केवल एक अंक का फर्क है, लेकिन यह दोनों देशों के लिए चिंता का विषय हो सकता है। दोनों देशों को अपनी सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
अंडोरा और अन्य देशों का दबदबा
इस साल की रैंकिंग में सबसे सुरक्षित देश के रूप में अंडोरा (Andorra) को पहले स्थान पर रखा गया है, जिसने 84.7 अंक हासिल किए हैं। अंडोरा का यह स्थान उसकी मजबूत सुरक्षा व्यवस्था, कम अपराध दर और नागरिकों के जीवन स्तर की उच्चता को दर्शाता है। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का स्थान है, जिसने 84.5 अंक प्राप्त किए हैं। इसके अलावा, कतर (84.2 अंक), ताइवान (82.9 अंक) और ओमान (81.7 अंक) भी शीर्ष पांच देशों में शामिल हैं। इन देशों की सुरक्षा व्यवस्था में विश्वसनीयता, कम अपराध दर और समग्र जीवन स्तर उच्चतम मापदंडों पर खरे उतरते हैं, यही कारण है कि उन्हें उच्च रैंकिंग मिली है।
ग्लोबल सेफ्टी इंडेक्स 2025 की परिभाषा
ग्लोबल सेफ्टी इंडेक्स, न्यूम्बियो द्वारा आयोजित किए गए सुरक्षा सर्वे पर आधारित है, जिसमें विभिन्न देशों के नागरिकों द्वारा अपनी सुरक्षा के बारे में राय दी जाती है। इसमें देखा जाता है कि लोग दिन और रात के दौरान अपनी सुरक्षा को लेकर कितना संतुष्ट महसूस करते हैं। इसके अलावा, इसमें चोरी, शारीरिक हमले, उत्पीड़न, भेदभाव, और हिंसक अपराधों की दर को भी शामिल किया जाता है। इस रैंकिंग का उद्देश्य यह दर्शाना है कि सुरक्षा केवल सरकार या कानून व्यवस्था से नहीं, बल्कि आम जनता के अनुभवों और परसेप्शन पर भी निर्भर करती है।
भारत और पाकिस्तान के लिए आगे का रास्ता
भारत और पाकिस्तान की रैंकिंग में केवल एक अंक का फर्क है, लेकिन यह दोनों देशों के लिए चिंता का कारण हो सकता है। सुरक्षा के मामले में रैंकिंग में इतना छोटा अंतर दर्शाता है कि दोनों देशों को अपनी सुरक्षा व्यवस्थाओं में सुधार के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है। भारत को अपनी सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करने की दिशा में काम करना होगा ताकि वह भविष्य में बेहतर स्थान प्राप्त कर सके। साथ ही, पाकिस्तान को भी अपनी सुरक्षा स्थितियों पर ध्यान देना होगा ताकि वह अपनी स्थिति बनाए रख सके।
अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य बड़े देशों की रैंकिंग
इस रैंकिंग में अमेरिका 89वें स्थान पर है, जो पहले के मुकाबले काफी नीचे है। अमेरिका सुरक्षा के मामले में अक्सर शीर्ष देशों में शामिल रहता था, लेकिन इस बार उसे अपेक्षाकृत कम रैंकिंग मिली है। इसके अलावा, ब्रिटेन और चीन जैसे बड़े देशों की रैंकिंग भी अपेक्षाकृत कम रही है। यह स्थिति इस बात का संकेत देती है कि सुरक्षा केवल आंकड़ों और सरकारी डेटा से नहीं, बल्कि नागरिकों के व्यक्तिगत अनुभवों और भावनाओं से जुड़ी होती है। ग्लोबल सेफ्टी इंडेक्स की यह रैंकिंग हमें यह दिखाती है कि दुनिया भर में सुरक्षा का एहसास आंकड़ों से अधिक व्यक्तिगत अनुभवों और perceptions पर आधारित होता है। पाकिस्तान का भारत से ऊपर आना, अमेरिका का नीचे आना और छोटे देशों का शीर्ष पर होना यह दर्शाता है कि सुरक्षा की स्थिति सुधारने के लिए हमें अपनी व्यवस्थाओं में व्यापक बदलाव लाने की जरूरत है। भारत और पाकिस्तान के लिए यह समय है, जब उन्हें अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए विश्व स्तर पर एक बेहतर स्थान प्राप्त करने के लिए कदम उठाने होंगे।