इजलाइली हमलों ने तोड़ी ईरान-लेबनान की कमर: दोनों ने 57 मुस्लिम देशों को छोड़ भारत से लगाई गुहार-" हमारी मदद करो"

Edited By Tanuja,Updated: 08 Oct, 2024 03:43 PM

israel war iran lebanon appealed to india for help

हाल के दिनों में इजरायल के हमलों ने ईरान और लेबनान की कमर तोड़कर रख दी है। इजरायल के साथ ईरान और लेबनान संघर्ष ने...

International Desk: हाल के दिनों में इजरायल (Israel) के हमलों ने ईरान और लेबनान (Iran and Lebanon) की कमर तोड़कर रख दी है। इजरायल के साथ ईरान और लेबनान संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है, और इस बीच लेबनान और ईरान ने भारत (India) से मदद की अपील की है। लेबनान के राजदूत ने भारत से आग्रह किया है कि वह इजरायल के साथ जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए मध्यस्थता करे। उन्होंने कहा कि भारत के इजरायल के साथ मजबूत संबंध हैं, और इजरायल भारत की बात सुनने के लिए तैयार होगा इसलिए वो इस मुद्दे में जल्द से जल्द मदद करे।  इजरायल-लेबनान युद्ध (Israel Lebanon war) ने न केवल लेबनान बल्कि पूरे मध्य पूर्व में अस्थिरता पैदा कर दी है। इस संघर्ष में अब तक 2100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 11,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

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लेबनान के राजदूत की अपील
लेबनान के राजदूत रबी नरश (Lebanon's ambassador Rabih Naresh) ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "भारत एक शांतिप्रिय देश है और हमारे लिए एक मित्र के रूप में महत्वपूर्ण है। इजरायल के साथ भारत के अच्छे संबंध हैं, और हमें उम्मीद है कि भारत इस संघर्ष को समाप्त करने में मदद कर सकता है।" उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल को समझाना जरूरी है कि युद्ध का कोई समाधान नहीं है और शांति की आवश्यकता है।

 

ईरान का रुख
ईरान का नेतृत्व भी भारत से संवाद स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। ईरान के सर्वोच्च नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की इच्छा जताई है, ताकि भारत इस मुद्दे पर मध्यस्थता कर सके और इजरायल के साथ जारी संघर्ष को समाप्त करने में मदद कर सके।

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नरश ने कहा कि लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं, और यह स्थिति क्षेत्र में गंभीर अस्थिरता पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि  भारत, जो एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शक्ति है, इस क्षेत्र में शांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत के पास इजरायल और लेबनान दोनों देशों के साथ सकारात्मक संबंध हैं, जिससे उसकी मध्यस्थता प्रभावी हो सकती है। राजदूत नरश ने भारत से आग्रह किया कि वह इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर दबाव डाले ताकि उनकी आक्रामक नीतियों पर पुनर्विचार किया जा सके। लेबनान के राजदूत ने इजरायल द्वारा हिजबुल्लाह के खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए इसे एक वैध लेबनानी राजनीतिक दल बताया।

 

उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह लेबनान की सरकार और संसद में प्रतिनिधित्व करता है, और इजरायल का इसे आतंकवादी संगठन करार देना नैतिक और कानूनी रूप से अनुचित है। नरश ने इजरायल पर "राज्य प्रायोजित आतंकवाद" का आरोप भी लगाया, यह कहते हुए कि इजरायल के कब्जे के कारण ही क्षेत्र में संघर्ष और हिंसा का माहौल बना हुआ है। 

 

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राजदूत ने इजरायली कब्जे को पश्चिम एशिया में अस्थिरता का मुख्य कारण बताया। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष हाल की घटनाओं का परिणाम नहीं है, बल्कि 75 साल पहले शुरू हुए इजरायली कब्जे का नतीजा है, जो आज भी जारी है। इजरायल द्वारा हिजबुल्लाह के नेता की हत्या के बाद लेबनान में जमीनी अभियान और तेज हो गया है, जिससे स्थिति गंभीर हो गई है। इस युद्ध के कारण भारी जनहानि और विस्थापन हो रहा है, और क्षेत्र में शांति की बहाली के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की आवश्यकता है।

 

  

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