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ISRO ने SPADEX मिशन में ऐतिहासिक सफलता की हासिल, ऐसा करने वाला भारत बना चौथा देश

Edited By Mahima,Updated: 16 Jan, 2025 01:07 PM

isro achieved historic success in spadex mission

ISRO ने SPADEX मिशन में डॉकिंग प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर भारत को दुनिया के चौथे देश के रूप में स्थापित किया, जिसने यह तकनीक हासिल की। यह मिशन भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे अंतरिक्ष में खुद का स्पेस स्टेशन स्थापित करने, मलबा साफ करने...

नेशनल डेस्क: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 2024 के अंत में लॉन्च किए गए SPADEX मिशन में बड़ी सफलता हासिल की है। इस मिशन के तहत अंतरिक्ष में दो सैटेलाइट्स की डॉकिंग और अनडॉकिंग प्रक्रिया को अंजाम देना था। ISRO ने 15 जनवरी 2025 को सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की कि भारत ने यह सफलता प्राप्त कर ली है। इसके साथ ही भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद ऐसा करने वाला चौथा देश बन गया है। 

क्या है SPADEX मिशन का महत्व
SPADEX मिशन को लेकर अंतरिक्ष समुदाय में भारी उत्साह था, क्योंकि यह भारत के लिए एक बड़ी तकनीकी सफलता थी। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य दो सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में जोड़ना (डॉकिंग) और फिर उन्हें अलग करना (अनडॉकिंग) था। डॉकिंग के बाद, दोनों सैटेलाइट्स के बीच सटीक संपर्क स्थापित करना और इसके बाद अनडॉकिंग प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम देना जरूरी था। यह तकनीक भविष्य में भारत को अंतरिक्ष में अपने स्वयं के स्पेस स्टेशन स्थापित करने की दिशा में मदद कर सकती है। 

भारत कैसे बना चौथा देश
SPADEX मिशन में डॉकिंग की सफलता के बाद भारत ने एक नई उपलब्धि हासिल की है। इससे पहले, यह तकनीक केवल अमेरिका, रूस और चीन के पास थी, लेकिन अब भारत इस खास क्लब में शामिल हो गया है। भारत की सफलता इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की स्थिति और मजबूत हुई है। 

SpaDeX Docking Update:

🌟Docking Success

Spacecraft docking successfully completed! A historic moment.

Let’s walk through the SpaDeX docking process:

Manoeuvre from 15m to 3m hold point completed. Docking initiated with precision, leading to successful spacecraft capture.…

— ISRO (@isro) January 16, 2025

SPADEX मिशन की लॉन्चिंग
ISRO ने 30 दिसंबर 2024 को SPADEX मिशन को लॉन्च किया था। इस मिशन के तहत दो सैटेलाइट्स को पृथ्वी की कक्षा में भेजा गया था। 12 जनवरी 2025 तक दोनों सैटेलाइट्स महज 3 मीटर की दूरी पर पहुंच गए थे, लेकिन डॉकिंग की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी। इसके बावजूद ISRO के वैज्ञानिकों ने मिशन को लेकर विश्वास बनाए रखा और 15 जनवरी को यह घोषणा की गई कि डॉकिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

Dr. V. Narayanan, Secretary DOS, Chairman Space Commission and Chairman ISRO, congratulated the team ISRO.#SPADEX #ISRO pic.twitter.com/WlPL8GRzNu

— ISRO (@isro) January 16, 2025

SPADEX मिशन अभी पूरी तरह से सफल नहीं
SPADEX मिशन अभी पूरी तरह से सफल नहीं हुआ है। अब अगला कदम अनडॉकिंग की प्रक्रिया है, जो मिशन की सफलता को अंतिम रूप देगा। इस प्रक्रिया में, दोनों सैटेलाइट्स को अलग किया जाएगा, और अगर यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी होती है, तो इस मिशन को पूरी तरह से सफल माना जाएगा। 

SPADEX मिशन की भविष्यवाणी
यह मिशन केवल इसरो के लिए तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसके भविष्य में कई उपयोग हैं। डॉकिंग और अनडॉकिंग की यह तकनीक अंतरिक्ष मलबा साफ करने के कार्य में भी उपयोगी साबित हो सकती है। साथ ही, यह चंद्रयान 4 और अन्य अंतरिक्ष मिशनों के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। भविष्य में इस तकनीक के जरिए भारत अंतरिक्ष में अपने खुद के स्पेस स्टेशन स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ा सकता है। ISRO का SPADEX मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस मिशन के जरिए भारत ने एक नई तकनीकी क्षमता हासिल की है, जो न केवल अंतरिक्ष अन्वेषण में बल्कि अंतरिक्ष से जुड़े अन्य कार्यों में भी काम आ सकती है। यह उपलब्धि इसरो के लिए और भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम है, जो दुनिया के शीर्ष अंतरिक्ष अन्वेषण देशों के साथ भारत को खड़ा करती है। 

 

 

 

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