Edited By Parminder Kaur,Updated: 01 Nov, 2024 04:26 PM
ISRO ने लद्दाख के लेह में पहला एनालॉग स्पेस मिशन शुरू कर दिया है। यह मिशन ह्यूमन स्पेसफ्लाइट सेंटर, एएकेए स्पेस स्टूडियो, यूनिवर्सिटी ऑफ लद्दाख, आईआईटी बॉम्बे के सहयोग और लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के समर्थन से शुरू हुआ है। इस मिशन का...
नेशनल डेस्क. ISRO ने लद्दाख के लेह में पहला एनालॉग स्पेस मिशन शुरू कर दिया है। यह मिशन ह्यूमन स्पेसफ्लाइट सेंटर, एएकेए स्पेस स्टूडियो, यूनिवर्सिटी ऑफ लद्दाख, आईआईटी बॉम्बे के सहयोग और लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के समर्थन से शुरू हुआ है। इस मिशन का उद्देश्य ऐसे स्थान तैयार करना है, जो दूसरे ग्रहों की स्थितियों से मिलते-जुलते हों। इसके माध्यम से इसरो पृथ्वी से दूर स्थित स्थानों पर आने वाली चुनौतियों का सामना करने की तैयारियों का परीक्षण करेगा।
एनालॉग स्पेस मिशन क्या है?
एनालॉग स्पेस मिशन वास्तविक अंतरिक्ष मिशन का अनुकरण होता है। इस प्रकार के मिशन में वैज्ञानिक कुछ ऐसी जगहें चुनते हैं, जो अंतरिक्ष या किसी आकाशीय पिंड के वातावरण से मिलती-जुलती हैं। इन जगहों को विशिष्ट मानकों के अनुसार तैयार किया जाता है, ताकि वहां अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण दिया जा सके।
भारत आने वाले समय में कई महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशनों की तैयारी कर रहा है, जिसमें सबसे प्रमुख गगनयान मिशन है, जिसके तहत भारत पहली बार मानव को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है। इसलिए लद्दाख में एनालॉग मिशन की तैयारी विशेष महत्व रखती है, जिससे भविष्य में विभिन्न आकाशीय पिंडों पर मिशनों के लिए प्रशिक्षण मिलेगा।
लद्दाख का चयन क्यों किया गया?
लद्दाख अपनी भूवैज्ञानिक विशेषताओं के लिए महत्वपूर्ण है। यहां की स्थितियां चांद और मंगल ग्रह की स्थितियों से मेल खाती हैं। लद्दाख का ठंडा और शुष्क वातावरण, साथ ही ऊंचाई वाले क्षेत्र लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशनों के लिए तैयारियों का परीक्षण करने के लिए उपयुक्त हैं।
एनालॉग मिशन के दौरान क्या होगा?
इसरो के इस एनालॉग मिशन में शामिल लोग दूसरे ग्रहों पर रहने जैसी स्थितियों का अनुभव करेंगे। यह अनुभव उन्हें भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए तैयार करेगा। वैज्ञानिक क्रू सदस्यों के प्रबंधन और मानसिक स्थिति पर ध्यान देंगे, ताकि मिशन की तैयारियों को सही तरीके से परखा जा सके।