Edited By Rahul Rana,Updated: 04 Dec, 2024 10:01 AM
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का वाणिज्यिक मिशन मंगलवार से 25 घंटे की उलटी गिनती के साथ शुरू हो गया है। इस मिशन के तहत, आज यानि कि 4 दिसंबर को इसरो यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के प्रोबा-3 अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करेगा।
नॅशनल डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का वाणिज्यिक मिशन मंगलवार से 25 घंटे की उलटी गिनती के साथ शुरू हो गया है। इस मिशन के तहत, आज यानि कि 4 दिसंबर को इसरो यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के प्रोबा-3 अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करेगा।
क्या है प्रोबा-3 मिशन?
इसरो के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को होने वाला प्रक्षेपण एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन होगा। इस मिशन के तहत न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (इसरो की वाणिज्यिक शाखा) यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के प्रोबा-3 अंतरिक्ष यान को प्रक्षेपित करेगी। यह यान विशेष रूप से सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
25 घंटे की उलटी गिनती:
मंगलवार दोपहर 3:08 बजे से उलटी गिनती शुरू हो गई थी और अब मिशन की तैयारी चल रही है। 25 घंटे की उलटी गिनती के दौरान प्रक्षेपण के लिए आवश्यक सभी तकनीकी तैयारियों और परीक्षणों की जांच की जाएगी।
प्रोबा-3 में क्या खास है?
प्रोबा-3 में दो उपग्रह शामिल हैं जो एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। ये दोनों उपग्रह एक साथ उड़ान भरेंगे और सूर्य के बाहरी वातावरण का गहन अध्ययन करेंगे। ये उपग्रह सूक्ष्म से सूक्ष्म जानकारी पृथ्वी पर भेजेंगे।
यह दो उपग्रहों वाला यान अपनी तरह का पहला यान माना जा रहा है जो दुनिया में एक नई तकनीक के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। इसके माध्यम से सूर्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करने का प्रयास किया जाएगा।
अंत में कहा जा सकता है कि इस मिशन को लेकर इसरो और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी दोनों ही उत्साहित हैं। प्रोबा-3 के प्रक्षेपण से वैज्ञानिकों को सूर्य के बाहरी वातावरण के बारे में नई जानकारी मिल सकती है जो अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक अहम कदम होगा।