Edited By Radhika,Updated: 07 Mar, 2025 05:20 PM

ISRO का प्रमुख रॉकेट लॉन्च पैड आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में है। यहां से भारत ने अब तक कई ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन लॉन्च किए हैं। देश की बढ़ती अंतरिक्ष गतिविधियों के चलते, ISRO एक और नया लॉन्च पैड बनाने जा रहा है।
नेशनल डेस्क: ISRO का प्रमुख रॉकेट लॉन्च पैड आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में है। यहां से भारत ने अब तक कई ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन लॉन्च किए हैं। देश की बढ़ती अंतरिक्ष गतिविधियों के चलते, ISRO एक और नया लॉन्च पैड बनाने जा रहा है, जो तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले के कुलसेकरपट्टनम में बनेगा।
नया लॉन्च पैड बनाए जाने का कारण-
यह कदम ISRO की बढ़ती लॉन्चिंग क्षमता को देखते हुए उठाया गया है। नए लॉन्च पैड के बनने से ISRO को अंतरिक्ष मिशनों को और तेजी से और बेहतर तरीके से पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, देश में उपग्रहों की लॉन्चिंग क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी, जिससे भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को और गति मिलेगी।
भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य-
कुलसेकरपट्टनम में इस रॉकेट लॉन्च पैड के लिए 2,233 एकड़ भूमि का अधिग्रहण पहले ही किया जा चुका है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की आधारशिला पिछले साल फरवरी में रखी थी। इसके बाद इसरो ने यहां से पहले रोहिणी रॉकेट की लॉन्चिंग भी सफलतापूर्वक की थी।

पहली सफल लॉन्चिंग का इतिहास-
नए लॉन्च पैड के निर्माण के बाद, यहां से पहली सफल लॉन्चिंग भी की गई। रोहिणी 6H200 छोटा रॉकेट 75.24 किमी की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद 121.42 किमी की दूरी तय करते हुए समुद्र में गिरा। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य atmospheric survey करना था।
भूमि पूजन और निर्माण कार्य की शुरुआत-
आज इस नए रॉकेट लॉन्च पैड के निर्माण कार्य की शुरुआत हो गई है। इस मौके पर ISRO के प्रमुख वैज्ञानिक राजाराजन और अन्य वैज्ञानिकों ने भूमि पूजन किया। इस परियोजना में एक नया सेवा भवन और प्रक्षेपण कॉम्प्लेक्स भी बनाया जाएगा, जिससे ISRO को भविष्य में अधिक स्वतंत्रता और लॉन्चिंग की गति मिलेगी।