Edited By Rohini Oberoi,Updated: 16 Jan, 2025 10:41 AM
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। इसरो के स्पाडेक्स (SPADEX) मिशन के तहत दो भारतीय सैटेलाइट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा गया। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि है।
नेशनल डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। इसरो के स्पाडेक्स (SPADEX) मिशन के तहत दो भारतीय सैटेलाइट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा गया। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि है।
क्या है स्पाडेक्स मिशन?
स्पाडेक्स (SPADEX) मिशन का पूरा नाम स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट मिशन है। इस मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में सैटेलाइट को डॉकिंग (जोड़ने) की तकनीक का परीक्षण करना है। इस तकनीक की मदद से भविष्य में अंतरिक्ष में सैटेलाइट को एक-दूसरे से जोड़ा जा सकेगा। यह तकनीक लंबे समय तक चलने वाले अंतरिक्ष अभियानों के लिए बहुत जरूरी है।
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दो सैटेलाइट भेजे गए
इसरो ने इस मिशन के तहत दो भारतीय सैटेलाइट लॉन्च किए। इन सैटेलाइट्स को खासतौर पर डॉकिंग प्रक्रिया को परखने के लिए डिजाइन किया गया है। इन सैटेलाइट्स को रॉकेट के जरिए पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया।
मिशन की सफलता
इस मिशन के सफल होने से भारत अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल करने वाले कुछ चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है। इसरो ने बताया कि दोनों सैटेलाइट ने अपनी कक्षा में सही तरीके से काम करना शुरू कर दिया है।
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भविष्य की योजनाएं
स्पाडेक्स मिशन की सफलता से भविष्य में भारत के लिए अंतरिक्ष में और बड़ी योजनाएं बनाना आसान हो जाएगा। इस तकनीक का इस्तेमाल अंतरिक्ष में ईंधन भरने बड़े मिशनों के लिए मॉड्यूल जोड़ने और अंतरिक्ष में रहने के लिए स्टेशन बनाने में किया जा सकता है।
इसरो की उपलब्धि
इसरो के वैज्ञानिकों ने एक बार फिर अपनी मेहनत और तकनीकी कौशल से देश को गर्व महसूस कराया है। स्पाडेक्स मिशन की सफलता भारत के अंतरिक्ष अभियानों को और मजबूत बनाएगी।
इसरो का यह मिशन अंतरिक्ष में भारत की नई ऊंचाइयों को दर्शाता है। यह मिशन भारत को न केवल तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाएगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक मजबूत स्थान प्रदान करेगा।