mahakumb

ISRO ने रचा इतिहास, 100वीं बार श्रीहरिकोटा से किया सफल प्रक्षेपण

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 29 Jan, 2025 08:32 AM

isro successfully launches nvs 02 satellite

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 6 बजकर 23 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से अपने शक्तिशाली रॉकेट GSLV-F15 के जरिए NVS-02 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इसरो के लिए यह मिशन बहुत खास रहा क्योंकि यह श्रीहरिकोटा से किया गया उसका...

नेशनल डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 6 बजकर 23 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से अपने शक्तिशाली रॉकेट GSLV-F15 के जरिए NVS-02 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इसरो के लिए यह मिशन बहुत खास रहा क्योंकि यह श्रीहरिकोटा से किया गया उसका 100वां प्रक्षेपण था। इस लॉन्च के साथ भारत ने अंतरिक्ष नेविगेशन के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है।

ISRO के मिशन की सफलता पर देशभर में खुशी

इस ऐतिहासिक सफलता पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसरो को बधाई देते हुए कहा,
"श्रीहरिकोटा से 100वीं बार प्रक्षेपण करने की ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए इसरो को बधाई। इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। टीम ISRO ने एक बार फिर भारत को गौरवान्वित किया है।"

उन्होंने आगे कहा कि विक्रम साराभाई और सतीश धवन जैसे महान वैज्ञानिकों की छोटी-सी शुरुआत से लेकर आज तक यह एक अद्भुत यात्रा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इसरो को और अधिक सशक्त किया गया है और अब भारत अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

GSLV-F15: क्या है इसकी खासियत?

➤ GSLV-F15 भारत के जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) की 17वीं उड़ान थी।
➤ इसमें इस्तेमाल हुआ इंडिजिनियस क्रायोजेनिक स्टेज जिसे भारत में ही विकसित किया गया है।

 

यह भी पढ़ें: Mahakumbh: भगदड़ के बाद अखाड़ा परिषद का बड़ा फैसला,महाकुंभ में शाही स्नान टला, बसंत पंचमी को करेंगे पवित्र स्नान


➤ यह 8वीं ऑपरेशनल फ्लाइट थी जिसमें क्रायोजेनिक स्टेज का इस्तेमाल किया गया।
➤ इसमें 3.4 मीटर डायमीटर का मेटलिक पेलोड फेयरिंग इस्तेमाल किया गया जिससे सैटेलाइट को सुरक्षित रखा गया।

छात्रों ने देखा सैटेलाइट लॉन्चिंग का ऐतिहासिक पल

इस ऐतिहासिक प्रक्षेपण को देखने के लिए कई छात्रों को लॉन्चपैड के पास जाने का मौका मिला। सभी छात्रों में जबरदस्त उत्साह देखा गया।

गुजरात से आए छात्र तीर्थ ने कहा,
"मैं अपने कॉलेज से 100वें लॉन्च को देखने आया हूं, मैं वाकई बहुत उत्साहित हूं। इसरो न सिर्फ भारत बल्कि विदेशी देशों के भी उपग्रह लॉन्च कर रहा है जिससे हमें अच्छी आय भी हो रही है। यह भारत सरकार और इसरो का एक शानदार कदम है।"

बिहार के छात्र अविनाश ने बताया,
"यह पहली बार है जब मैं किसी रॉकेट लॉन्च को अपनी आंखों से देख रहा हूं। यह अनुभव मेरे लिए अविस्मरणीय है।"

भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक और मील का पत्थर

ISRO लगातार अंतरिक्ष विज्ञान में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। इस 100वें सफल प्रक्षेपण के साथ भारत ने अपनी अंतरिक्ष शक्ति को और मजबूत किया है। इसरो अब भविष्य में कई और बड़े मिशनों की तैयारी कर रहा है जिससे भारत न केवल आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान और मजबूत करेगा। 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!