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अविवाहित जोड़ों के लिए फ्लैट किराए पर लेना हुआ मुश्किल, अब जरूरी होगा परिवार का अनुमोदन पत्र

Edited By Mahima,Updated: 01 Feb, 2025 02:28 PM

it has become difficult for unmarried couples to rent a flat

नोएडा के सेक्टर-99 स्थित सुप्रीम टावर्स सोसायटी ने अविवाहित जोड़ों को फ्लैट किराए पर देने के लिए परिवार की अनुमति या विवाह प्रमाण पत्र जरूरी कर दिया है। यह कदम 11 जनवरी को एक विधि छात्र की संदिग्ध मौत के बाद सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाया गया है। मकान...

नेशनल डेस्क: नोएडा के सेक्टर-99 में स्थित सुप्रीम टावर्स अपार्टमेंट सोसायटी ने एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अविवाहित जोड़ों को फ्लैट किराए पर देने के लिए मकान मालिकों को उनके परिवार से अनुमति पत्र या विवाह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। यह नियम विशेष रूप से उन अविवाहित जोड़ों के लिए लागू होगा जो अलग जेंडर के साथ एक फ्लैट में रह रहे हैं। मकान मालिकों से यह दस्तावेज़ 31 जनवरी तक जमा करने के लिए कहा गया था।

सोसायटी के सभी फ्लैट मालिकों को एक भेजा ईमेल 
यह आदेश सुप्रीम टावर्स के अध्यक्ष वीएन सुब्रमण्यम द्वारा जारी किया गया था। उन्होंने 21 जनवरी को सोसायटी के सभी फ्लैट मालिकों को एक ईमेल भेजा था, जिसमें यह निर्देश दिया गया कि जो मकान मालिक अविवाहित जोड़ों को फ्लैट किराए पर दे रहे हैं, उन्हें उस जोड़े का पता, परिवार के सदस्य की मंजूरी और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी जमा करनी होगी। यदि अविवाहित जोड़ा अलग जेंडर के साथ रह रहा है, तो उन्हें परिवार का स्वीकृति पत्र या विवाह प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना होगा। यह कदम इस साल की शुरुआत में 11 जनवरी को हुई एक दुखद घटना के बाद उठाया गया था, जब 23 वर्षीय विधि छात्र की मृत body सेक्टर-99 में सुप्रीम टावर्स सोसायटी की सातवीं मंजिल से पाई गई थी। इस घटना ने सोसायटी में सुरक्षा के बारे में गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। मृतक के पिता ने अपनी बेटी की दोस्त, एक महिला क्लासमेट के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप भी दर्ज कराया था, हालांकि बाद में आरोपी को जमानत मिल गई। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किराएदार बनते हैं 
इस कदम पर सोसायटी के कर्मचारियों का कहना है कि यह फैसला सोसायटी में अविवाहित जोड़ों द्वारा किए जाने वाले उपद्रवों से बचने के लिए लिया गया है। उनका मानना है कि अविवाहित जोड़े अक्सर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किराएदार बनते हैं और इससे बाद में सुरक्षा और अन्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। ऐसे जोड़े कई बार अपनी स्थिति का गलत प्रचार करते हैं और इसके परिणामस्वरूप विवाद और दुर्घटनाएं हो सकती हैं।

सोसायटी में सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने के लिए लागू
सोसायटी के सचिव एसएस कुशवाहा ने इस फैसले पर स्पष्ट किया कि यह आदेश सोसायटी के बोर्ड की राय नहीं है। उनके अनुसार, यह निर्णय सोसायटी के अध्यक्ष वीएन सुब्रमण्यम द्वारा लिया गया था और यह विशेष रूप से सोसायटी में सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने के लिए लागू किया गया है। अध्यक्ष ने फ्लैट मालिकों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि वे इस नियम का पालन करें और 31 जनवरी तक अपने दस्तावेज़ संबंधित कार्यालय में जमा करें। यदि कोई मालिक नियमों का पालन नहीं करेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। 

सोसायटी में अविवाहित जोड़ों से होने वाली समस्यां
नए नियम का उद्देश्य सोसायटी में अविवाहित जोड़ों से होने वाली समस्याओं और संभावित खतरों से बचाव करना है। इस कदम से सोसायटी में रहने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ उन मामलों को भी नियंत्रित किया जा सकेगा, जहां अविवाहित लोग बिना उचित दस्तावेज़ के रह रहे होते हैं। यह कदम सोसायटी के प्रबंधन की ओर से एक सुरक्षा उपाय के रूप में देखा जा रहा है, ताकि ऐसे घटनाओं से बचा जा सके, जो सुरक्षा और शांति के लिए खतरे का कारण बन सकती हैं। 

स्वतंत्रता और गोपनीयता का उल्लंघन 
यह नया नियम उस समय लागू किया गया है जब भारत में विभिन्न सोसाइटियों और अपार्टमेंटों में किराए पर रहने के नियमों को लेकर विवाद सामने आते रहे हैं। कई सोसाइटियां इस तरह के नियमों को लागू करती हैं, जबकि कुछ लोग इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गोपनीयता का उल्लंघन मानते हैं। इस मामले में सुप्रीम टावर्स सोसायटी ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया है, लेकिन इसे लेकर सोसायटी के सदस्यों और आम जनता में मिश्रित प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। 

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