Edited By Archna Sethi,Updated: 14 Nov, 2024 06:58 PM
पंजाब के उज्जवल भविष्य के लिए सहकारी क्षेत्र को मजबूत करना आवश्यक
चंडीगढ़, 14 नवंबर - (अर्चना सेठी) कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सहकारी सभाओं की अग्रणी भूमिका पर जोर देते हुए विशेष मुख्य सचिव और वित्त आयुक्त सहकारिता वी.के. सिंह ने आज यहां कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देना समय की आवश्यकता है, जो किसानों की तकदीर बदलने में अहम साबित होगा।
यहां 71वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के उद्घाटन के बाद सभा को संबोधित करते हुए विशेष मुख्य सचिव ने कहा कि यह सहकारी क्षेत्र की जिम्मेदारी बनती है कि वह स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कृषि उत्पादों के मूल्य वृद्धि को सुनिश्चित करते हुए उत्पादों के निर्यात से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन दे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य में सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए पहले ही ठोस कदम उठा रही है। श्री वी.के. सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सहकारी क्षेत्र देश की जीवनरेखा है, जिसने आजादी के बाद के दौर में देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विशेष मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों को गेहूं/धान के फसल चक्र से बाहर निकालने के लिए सहकारी क्षेत्र को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए और कृषि उत्पादों के मूल्य वृद्धि के माध्यम से उन्हें अपने उत्पाद बेचने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि खासकर दिल्ली जैसी मंडियों में, जहां नकली उत्पाद बेचे जा रहे हैं, किसान अपने उत्पादों को अच्छे दाम पर बेच सकते हैं। श्री वी.के. सिंह ने कहा कि सहकारी क्षेत्र को आगे आकर इस चुनौती को स्वीकार करना चाहिए ताकि किसानों की आमदनी में वृद्धि हो और उन्हें व्यापक स्तर पर लाभ पहुंचाया जा सके।
विशेष मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि सहकारी क्षेत्र अकेले यह कार्य नहीं कर सकता, बल्कि विभिन्न विभाग जैसे कि कृषि, बागवानी और अन्य संबंधित विभागों को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह किसानों के लिए बेमिसाल तरक्की और खुशहाली के एक नए युग की शुरुआत करेगा। श्री वी.के. सिंह ने कहा कि इससे एक तरफ किसानों की आय में वृद्धि होगी और दूसरी तरफ उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण भोजन की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
विशेष मुख्य सचिव ने कहा कि भारत में सहकारी आंदोलन ने समाज के सभी वर्गों, खासकर किसान समुदाय को काफी लाभ पहुंचाया है, जिन्होंने अनाज उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि समय की माँग है कि ऐसे आयोजन पूरे उत्साह से मना कर सहकारिता आंदोलन को और अधिक प्रोत्साहन दिया जाए ताकि अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। वी.के. सिंह ने कहा कि यह उचित समय है, जब हमारे सहकारी क्षेत्र को आगे आना चाहिए और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने में अहम भूमिका निभानी चाहिए।
विशेष मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के व्यापक विकास और लोगों की प्रगति के लिए यह बहुत जरूरी है। इस मौके पर उन्होंने आशा व्यक्त की कि राष्ट्रीय सहकारी सप्ताह के दौरान सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम निश्चित तौर पर राज्य के गांवों के लाखों लोगों को इस शानदार सहकारी आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करेंगे ताकि स्थायी और समावेशी लक्ष्य प्राप्त किए जा सकें। श्री वी.के. सिंह ने ऐसे आयोजनों के माध्यम से सहकारिता आंदोलन को और प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि जमीनी स्तर पर लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने कहा कि इस समागम का उद्देश्य सहकारिता आंदोलन से जुड़े अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाने के लिए जागरूक करना भी है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि पंजाब का सुनहरा भविष्य सहकारी क्षेत्र से ही उभरेगा, जिसमें अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। श्री वी.के. सिंह ने कहा कि अधिकारियों द्वारा इस लहर को जमीनी स्तर पर मजबूत किया जाए ताकि भविष्य में इसके जरूरी परिणाम सामने आ सकें।
इससे पहले, सचिव सहकारिता अनिंदिता मित्रा ने गणमान्यों का स्वागत करते हुए कहा कि देश के सर्वांगीण विकास में सहकारी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। विशेष मुख्य सचिव वी.के. सिंह का धन्यवाद करते हुए उन्होंने जमीनी स्तर पर सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने में उनके मूल्यवान योगदान की सराहना की। श्रीमती अनिंदिता मित्रा ने सहकारी क्षेत्र के और विस्तार और मजबूती के लिए शिक्षा, समानता और सहभागिता की आवश्यकता पर जोर दिया।